Agra police could not produce witnesses even in 24 years accused of murderous attack acquitted

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– फोटो : अमर उजाला

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आगरा के एसीजेएम दीपांकर यादव ने थाना एत्माद्दौला के एक मामले में 24 साल पहले पुलिस पर हुए जानलेवा हमले के 6 आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। इस मामले में पुलिस वादी एसआई नरेंद्र सिंह सहित एक भी गवाह पेश नहीं कर सकी।

थाना एतमद्दौला के एक मामले में 24 साल पहले पुलिस पर जानलेवा हमला करने के आरोप में 6 लोगों के विरुद्ध पुलिस ने केस दर्ज किया था। 24 सालों में पुलिस कोर्ट में एक भी गवाह यहां तक कि वादी एसआई नरेंद्र सिंह को भी पेश नहीं कर सकी। एसीजेएम दीपांकर यादव ने आरोपी किन्नर सिंह बघेल, उनके भाई पुष्पेंद्र बघेल, नवल सिंह, हरि सिंह, सिंह पाल एवं बनी सिंह (निवासीगण गढ़ी जीवनराम टेढ़ी बगिया थाना एत्माद्दौला) को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।

घटना 10 नवंबर 2000 की है। सीओ हरीपर्वत ने मारपीट, हरिजन एक्ट से संबंधित मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एसओजी टीम भेजी थी। टीम के साथ चौकी इंचार्ज फाउंड्री नगर नरेंद्र सिंह भी पुलिस पिकेट के साथ गढ़ी जीवनराम पहुंचे। बताया गया कि नवल सिंह अपने मकान के बाहर मौजूद मिला। पुलिस उसे गिरफ्तार करके ला रही थी। आरोप है कि आरोपियों ने पुलिस पर हमला करके आरोपी को छुड़ा लिया था।

 



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