
आगरा के सेक्टर 7 में दुकानों के गिरने के बाद मलबे में दबे लोगों की जिंदगियां बचाना आसान नहीं था। जगदीशपुरा पुलिस मौके पर पहुंच जरूर गई थी, लेकिन पुलिसकर्मियों के पास मलबा हटाने के कोई इंतजाम नहीं थे। घटना के 15 मिनट बाद ही दमकल की टीम भी पहुंच गई। मुख्य अग्निशमन अधिकारी देवेंद्र सिंह पहुंचे तो अपने साथ एडवांस रेस्क्यू टेंडर भी लेकर गए थे। इसमें मलबा हटाने के लिए अत्याधुनिक उपकरण से लेकर ड्रिल और कटिंग मशीन के साथ जनरेटर की सुविधा भी रहती है, जिससे मलबे को जल्द से जल्द हटाया जा सके।
एडवांस टेंडर के इस्तेमाल से हटाया मलबा
यही वजह रही कि समय रहते सात लोगों को बचा लिया गया। मुख्य अग्निशमन अधिकारी ने बताया कि एडवांस रेस्क्यू टेंडर का प्रयोग आपात स्थिति के लिए महाकुंभ के दौरान किया गया था। महाकुंभ संपन्न होने के बाद मार्च में आगरा कमिश्नरेट को भी एक टेंडर मिली है। इस टेंडर में ड्रिल मशीन, कटिंग मशीन, मिनी बुलडोजर, जनरेटर फावड़े आदि रखे रहते हैं। जब उन्हें पता चला कि पांच दुकानें गिर गई हैं तो एडवांस टेंडर को भी ले आए।
उनके साथ 22 दमकलकर्मी भी शामिल थे, जिन्हें मलबा हटाने का प्रशिक्षण मिला हुआ है। उन्होंने स्थानीय लोगों और पुलिस के साथ मिलकर हाइड्रोलिक कटिंग मशीन की मदद से पत्थरों को काटा, फावड़े से भी मलबा हटाया गया। इससे लोगों को निकालने में मदद मिलती रही। इस टेंडर का प्रयोग आगरा में पहली बार किया गया।
खाकी ने निभाया फर्ज देवदूत बन आए लोग
ढही दुकानों के गर्डर और पत्थरों के नीचे दबे लोगों के कराहने की आवाजें आ रही थीं। आसपास के लोगों और पुलिस ने मलबा हटाने का प्रयास किया लेकिन हटाना इतना आसान नहीं था। दो बुलडोजर मंगाए गए। पुलिस के साथ देवदूत की भूमिका में स्थानीय लोग भी मदद में लग गए। मलबे में नौ लोग दबे थे। कोई गर्डर उठा रहा था तो कोई पत्थरों को हटाने में लगा था। बुलडोजर आने में करीब 20 मिनट का समय लग गया। दो बुलडोजरों से मलबा हटाकर सात लोगों की जान बचा ली गई।