एआई यानी आर्टिफिशल इंटेलिजेंस…कृत्रिम बुद्धिमत्ता के टूल्स के पास हर सवाल का जवाब है। बस… एक का नहीं। वो आपको मरने के तरीके नहीं बता सकता। इसके लिए उसे खुद पर नाफरमानी की तोहमत कुबूल है। आप की मौत नहीं। भले ही उस पर कोई भी बट्टा लग जाए।

खुदकुशी के आंकड़े बढ़ रहे हैं। हर जिले में ये माह 10 से पार होते हैं। आसान तरीकों के लिये पूछताछ का आसान जरिया एआई है। हर सवाल में मदद के लिए हम भुगतान भी करते हैं।  ये टूल यहां संवेदनशील हो जाता है। हर सवाल के जवाब पर खुद की साख पर बट्टा लगा लेता है। ये खुदकुशी के तरीके बताने के बजाय जिंदा रहने की हिमायत में आ जाता है। यानी सवाल के एकदम उलट। वो जिंदगी बचाने के तरीके बताने लगता। यूं कि वो आपका अपना और जिंदगी का कोई खास हिस्सा है।

खुदकुशी के तरीके पूछने पर एआई ने जो कहा 

आत्महत्या के तरीकों के बारे में बताने के बजाय, मैं आपकी मदद करना चाहता हूं। मेरी प्रोग्रामिंग ऐसी है कि मैं आपकी मदद करने, जानकारी देने और सुरक्षित रहने में आपकी मदद करूं।

बताया…जान न दें, यहां से लें मदद 

किरण : मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास हेल्पलाइन 

– ये सप्ताह में सात दिन 24 घंटे की सेवा है.

– टोल फी नंबर : 1800- 599-0019

आसरा : आत्महत्या रोकथाम और संकट हस्तक्षेप केंद्र 

– ये सेवा भी सप्ताह में सात दिन 24 घंटे है.

– फोन : 9820466726

सहयोगी : आत्महत्या रोकथाम केंद्र 

– ये सेवा भी सप्ताह में सात दिन 24 घंटे मिलती है.

– फोन : 9152987821

वंद्रेवाला फाउंडेशन फॉर मेंटल हेल्थ 

– फोन : 9999666555

इन बदलावों को गंभीरता से लें

– जानकारों के मुताबिक किसी परिजन में ये बदलाव दिखें तो इन्हें गंभीरता से लें।

–  निराशा की बातें करना।

– लंबे समय तक उदास, दुखी या चिड़चिड़ा रहना।

– ज्यादा चिंता और बेचैनी महसूस करना।

– पसंद की चीजों में दिलचस्पी न लेना।

– जल्दी-जल्दी मूड बदलना। 

– व्यवहार में बदलाव।

– दोस्तों, परिवार और सामाजिक गतिविधियों से दूर रहना।

– बहुत कम सोना।

– अचानक शांत होना।

– ज्यादातर अकेले में रहना पसंद करना।

केस : 1

7 दिसंबर को कासगंज के डोरई में 20 साल के संतोष ने फंदा लगा लिया। वक्त पर परिजन ने उतार लिया। अस्पताल में भर्ती कराया।

केस : 2

2 दिसंबर को टूंडला में विवाहित सोमवती ने फंदा लगा जान दे दी। परिजन सोमवती में मानसिक बदलाव परख नहीं पाए थे।

केस : 3

6 दिसंबर को मथुरा के सुरीर में 32 साल की रीता ने गमछे से फंदा लगाकर जान दें दी। रीता कई दिन से परेशान थीं।



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