संवाद न्यूज एजेंसी

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झांसी। झांसी मंडल के धौलपुर-बीना रेलमार्ग पर आधुनिक और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से लैस कवच 4.0 लगाने की तैयारी शुरू हो गई है। एआई युक्त कवच मानवीय चूक से निपटने के लिए सक्षम होगा। रेड सिग्नल पर यदि ड्राइवर ट्रेन नहीं रोकता है तो कवच 4.0 ट्रेन रोक देगा। वहीं, रेलवे क्रॉसिंग से निकल रहे राहगीरों को हॉर्न बजाकर सचेत करेगा। इसे स्थापित करने के लिए मंडल ने टेंडर जारी कर दिया है और अक्तूबर से इसका काम शुरू हो जाएगा।

अभी तक स्वचलित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली (कवच) आमने-सामने की टक्कर को रोकने पर ही काम करती रही है। लेकिन अब कवच 4.0 के रूप में इसका एआई अवतार झांसी मंडल में आ रहा है। धौलपुर से बीना के बीच 316 किमोमीटर लंबे रेलमार्ग पर कवच स्थापित किया जाएगा। इसके लिए रेलवे ने 230 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। वहीं, काम को उप मुख्य सिग्नल एवं दूरसंचार अभियंता अमित गोयल के नेतृत्व पूरा किया जाना है। तकनीक के नजरिए से भी इसमें तारों के जाल की आवश्यकता नहीं होगी। साल 2026 तक कवच का काम पूरा कर लिया जाएगा।

नेटवर्क के लिए लगेंगे 80 एलटीई टावर

कवच 4.0 को इंटरनेट से जोड़ने के लिए धौलपुर से बीना के बीच 80 टावर लगाए जाएंगे। इसमें हर चार किलोमीटर की दूरी पर एक लांग टर्म इवोल्यूशन टावर लगाया जाएगा। इससे ट्रेन की हर गतिविधि पर नजर भी रखी जाएगी।

इंजन पर भी लगेंगे टावर

पटरी के किनारे जहां इंटरनेट के लिए एलटीई टावर लगाए जाएंगे तो ट्रेन को एआई कवच से जोड़ने के लिए ट्रेन के इंजन पर भी एक टावर लगाया जाएगा। इसके साथ ही एआइ डिवाइस भी इंजन की कैब में लगाई जाएगी।

स्लीपर पर लगेगी एआई डिवाइस

एआई कवच 4.0 का संपर्क ट्रेन से न टूटे इसके लिए जिन सीमेंट के स्लीपर पर पटरी को बिछाया जाता है, उस पर भी हर एक किलोमीटर के फासले पर डिवाइस लगाई जाएगी। जब भी ट्रेन उस स्लीपर के ऊपर से निकलेगी तो उसकी जानकारी कंट्रोल रूम तक अपने आप पहुंच जाएगी।

बाहरी लोगों को भी सुरक्षित करेगा कवच 4.0

आधुनिक एआई कवच 4.0 ट्रेन काे तो सुरक्षा प्रदान करेगा ही साथ में जो लोग ट्रेन के बाहर यानी रेलवे गेट से निकलते हैं, उन्हें भी यह बचाने का काम करेगा। हर क्रॉसिंग पर कवच के जरिए अपने आप हॉर्न बजने लगेगा।

रेड सिग्नल पर 50 मीटर पहले रुक जाएगी ट्रेन

यदि सिग्नल लाल है और मानवीय चूक के चलते ट्रेन का लोको पायलट ब्रेक लगाना भूल जाता है या फिर ट्रेन को रेड सिग्नल क्रॉस कराता है तो भी कवच उसे ऐसा नहीं करने देगा। रेड सिग्नल से 50 मीटर पहले ही एआई ब्रेक लगा देगा।

वर्जन

आधुनिक और एआई आधारित कवच 4.0 का काम जल्दी ही शुरू हो जाएगा। इसके लिए टेंडर जारी हो चुके हैं। नई तकनीक से लैस कवच से ट्रेनों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। आगामी दो साल में धौलपुर से बीना के बीच कवच प्रणाली स्थापित हो जाएगी। यह एक ट्रैक पर आ रहीं दो ट्रेनों के बीच टक्कर रोकने का काम करेगा।

दीपक कुमार सिन्हा, मंडल रेल प्रबंधक, झांसी।



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