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शाहजहांपुर में गंगा एक्सप्रेसवे की हवाई पट्टी पर लड़ाकू विमानों की गर्जना सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। बरेली मंडल में अब वायुसेना के विमानों के लिए दो रनवे हो गए हैं। युद्ध या आपदा के दौरान वायुसेना की हवाई पट्टी क्षतिग्रस्त होने या उपलब्ध न होने की स्थिति में एक्सप्रेसवे पर लड़ाकू विमानों की लैंडिंग कराई जा सकती है। एयर मार्शल (सेवानिवृत्त) एके गोयल ने कहा कि इससे वायुसेना को वैकल्पिक रनवे मिल गया है। वर्तमान परिस्थितियों में पाकिस्तान और चीन भारत की सीमा पर हरकतें कर रहे हैं। त्रिशूल एयरबेस भारत-चीन सीमा की निगरानी करता है। इसकी क्षमता बढ़ने से देश की सुरक्षा पुख्ता होगी।

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air strip of Ganga Expressway will prove to be very important for Indian air force

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गंगा एक्सप्रेसवे पर उतरा हरक्यूलिस
– फोटो : अमर उजाला


उन्होंने बताया कि एक ओर भारतीय नौसेना अरब सागर में युद्धाभ्यास कर रही है। थल सेना सीमा पर आतंकियों और घुसपैठियों को खदेड़ रही है। इस बीच त्रिशूल एयरबेस से 80 किमी दूर वैकल्पिक रनवे पर विमानों की नाइट लैंडिंग कराकर हमने दुश्मन देशों को अपने सामरिक कौशल का परिचय दिया है। मेरठ से प्रयागराज तक 594 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेसवे पर विमानों की लैंडिंग उनके लिए चेतावनी है। दुश्मन के ठिकानों को तबाह करने के लिए अब भारत केवल अपने एयरबेस पर ही निर्भर नहीं है।  


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Ganga Expressway
– फोटो : अमर उजाला


साढ़े तीन किमी लंबी है एक्सप्रेसवे की हवाई पट्टी

एयर मार्शल एके गोयल के मुताबिक, आमतौर पर वायुसेना के विमानों की लैडिंग के लिए 3,000 मीटर लंबी हवाई पट्टी की जरूरत होती है, पर गंगा एक्सप्रेसवे की हवाई पट्टी 3,500 मीटर लंबी है। शाहजहांपुर में सामान्य से ज्यादा गर्मी होती है। ऐसे क्षेत्रों में हवाई पट्टी लंबी बनती है, ताकि गर्म मौसम में आपात लैंडिंग की स्थिति में वह भौतिकी के नियमों के अनुसार दबाव सहन कर सके और कोई अड़चन न रहे।


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उड़ान भरता लड़ाकू विमान
– फोटो : अमर उजाला


वायुसेना ने त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता का कराया अहसास 

एक्सप्रेसवे पर विमानों की नाइट लैंडिंग से वायुसेना ने अपनी त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता, मल्टी-डोमेन ऑपरेशन से देश की रक्षा तैयारियों की मजबूती का अहसास कराया। एक्सप्रेसवे जैसी सामरिक परियोजनाओं से भारत की सैन्य रणनीति और नागरिक-सैन्य समन्वय पुख्ता हुआ है। इससे पहले पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर वायुसेना के विमान ने टच डाउन किया था। नोएडा-आगरा यमुना एक्सप्रेसवे पर पूर्वाभ्यास, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर भी एयर स्ट्रिप बनाई गई है।


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गंगा एक्सप्रेसवे पर उतरे वायुसेना के विमान
– फोटो : अमर उजाला


बेहद अहम साबित होगी एक्सप्रेसवे की हवाई पट्टी

एयर मार्शल (सेवानिवृत्त) एके गोयल के मुताबिक, वर्ष 1965 और 1971 की जंग में पाकिस्तानी वायुसेना ने भारत के कई हवाई ठिकानों पर बमबारी की थी। भविष्य में भी अगर युद्ध की स्थितियां बनेंगी तो दुश्मन देश हमारे एयरबेस के रनवे को तबाह कर सकते हैं। ऐसे में सिर्फ एयरबेस पर निर्भर रहने के बजाय एक्सप्रेसवे पर भी ऐसे एयरस्ट्रिप वायुसेना के लिए रीढ़ की हड्डी साबित होंगे। एक रिपोर्ट के अनुसार वायुसेना देशभर में ऐसे 27 एयर स्ट्रिप्स की पहचान कर चुकी है।




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