कानपुर में अधिवक्ता अखिलेश दुबे और उसके साथियों से वसूली में मिलीभगत के मामले में पुलिस, केडीए, नगर निगम, राजस्व विभाग के आठ कर्मचारियों को बुलाकर एसआईटी पूछताछ करने की तैयारी में इै। इसके लिए दो तीन दिन में इन्हें नोटिस भेज दिए जाएंगे। एसआईटी के पास कर्मचारियों के खिलाफ शिकायतकर्ताओं ने गंभीर आरोप लगाए हैं।

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एसआईटी गिरोह बनाकर वसूली करने के 10 मामलों की जांच कर रही है। इसी के तहत एसआईटी ने बर्रा थाने में पूर्व में दर्ज हुई रिपोर्ट के आरोपी भाजपा नेता रवि सतीजा, किदवईनगर के आरोपी होटल कारोबारी सुरेश पाल और कोतवाली के आरोपी अधिवक्ता के मामले की जांच की तो तीनों मामलों में षड्यंत्र रचकर फर्जी तरीके से फंसाने के तथ्य पता चले।




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Akhilesh Dubey Preparation of notice to eight employees of KDA Municipal Corporation Police Department

लवी मिश्रा
– फोटो : amar ujala


कर्मचारियों पर आरोपियाें का सहयोग करने का आरोप

रिपोर्ट कमिश्नरी के अधिकारियों को दी गई।  इसके आधार पर रवि सतीजा, सुरेश पाल और अधिवक्ता ने अखिलेश दुबे और उसके साथियों के खिलाफ एफआईआर कराई। उन्होंने तहरीर में पुलिस, राजस्व विभाग, केडीए और नगर निगम के कर्मचारियों पर आरोपियाें का सहयोग करने आरोप लगाया था। एसआईटी ने वादी के अलावा कुछ गवाहों को बुलाकर बयान लिए।


Akhilesh Dubey Preparation of notice to eight employees of KDA Municipal Corporation Police Department

अखिलेश दुबे का घर
– फोटो : amar ujala


आठ कर्मचारियों के खिलाफ नोटिस तैयार

डीसीपी क्राइम एसएम कासिम आबिदी ने बताया कि लगभग 15 से 16 लोगों के बयान हुए हैं। उन्होंने सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ अहम सबूत दिए हैं। इसकी रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है। एसआईटी की ओर से आठ कर्मचारियों के खिलाफ नोटिस तैयार हैं। दो से तीन दिन बाद कर्मचारियों को नोटिस भेजकर क्राइम ब्रांच के कार्यालय में बयान के लिए बुलाया जाएगा। बयान सही नहीं मिलने पर एफआईआर की संस्तुति हो सकती है। कर्मचारियों के विभागीय अधिकारियों को भी रिपोर्ट भेजी जाएगी।


Akhilesh Dubey Preparation of notice to eight employees of KDA Municipal Corporation Police Department

कचहरी में खड़ी पुलिस
– फोटो : amar ujala


रंगदारी के दूसरे मुकदमे में भी अखिलेश व लवी की न्यायिक हिरासत मंजूर

कारोबारी सुरेश पाल से ढाई करोड़ रुपये की रंगदारी वसूलने के मामले में आरोपी अधिवक्ता अखिलेश दुबे और उसके साथी लवी मिश्रा को अपर सिविल जज सीनियर डिवीजन षष्टम की कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। रवि सतीजा से रंगदारी मांगने के मामले में दोनों जेल में बंद थे। इन्हें गुरुवार को कड़ी सुरक्षा में जेल से लाकर कोर्ट में पेश किया गया और रिमांड स्वीकृत होने के बाद दोनों को दोबारा जेल ले जाया गया। स्वरूपनगर निवासी कारोबारी सुरेश पाल ने किदवईनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।


Akhilesh Dubey Preparation of notice to eight employees of KDA Municipal Corporation Police Department

कचहरी में खड़ी पुलिस
– फोटो : amar ujala


झूठे मुकदमे लगाकर फंसाया जा रहा

इसमें आरोप लगाया था कि वर्ष 2022 में अधिवक्ता अखिलेश दुबे ने साजिश के तहत उन्हें दुष्कर्म के झूठे मुकदमे में फंसाया और इससे बचाने के लिए उनसे ढाई करोड़ रुपये की रंगदारी वसूली। इसी मुकदमे में पुलिस की ओर से अखिलेश और लवी की न्यायिक हिरासत कोर्ट से मांगी गई थी, जिस पर कोर्ट ने दोनों को तलब किया था। अभियोजन की ओर से मांगी गई रिमांड पर सुनवाई के दौरान अखिलेश के अधिवक्ता के अलावा अखिलेश ने खुद भी कोर्ट में अपना पक्ष रखा। कहा झूठे मुकदमे लगाकर फंसाया जा रहा है।




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