Akhilesh made his political debut from Kannauj, won Lok Sabha elections thrice in a row

वर्ष 2000 के उपचुनाव में एक जनसभा के दौरान तलवार लहराते अखिलेश यादव
– फोटो : अमर उजाला

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सूबे के सबसे युवा मुख्यमंत्री रह चुके सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अपनी सियासी पारी का आगाज इत्रनगरी कन्नौज से किया था। खुद मुलायम सिंह यादव ने उन्हें यहां अपनी सियासी विरासत सौंपी थी। दो जगह से एक साथ निर्वाचित होने के बाद उन्होंने कन्नौज से इस्तीफा देकर यहां खाली हुई सीट पर पुत्र अखिलेश यादव को मैदान में उतारा था। पहले ही चुनाव में रिकॉर्ड वोट से जीतने के बाद अलिखेश यादव ने यहां से लगातार तीन चुनाव जीते।

सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने 1998 का लोकसभा चुनाव संभल से जीता था। अगले ही वर्ष 1999 में हुए चुनाव में उन्होंने संभल के साथ ही कन्नौज से भी चुनाव लड़ा था। दोनों सीट से जीतने के बाद उन्हें किसी एक सीट से इस्तीफा देना था। कन्नौज के कार्यकर्ताओं ने यहां से इस्तीफा देकर खाली सीट पर पुत्र अखिलेश यादव को मैदान में उतारने की सलाह दी। मुलायम सिंह को यह बात जंच गई। उन्होंने वैसा ही किया। इस तरह वर्ष 2000 में उपचुनाव का ऐलान हुआ तो अखिलेश यादव पहली बार सियासत के मैदान में उतरे।

अखिलेश यादव के चुनाव संयोजक रहे ब्रजेंद्र नारायण सक्सेना उर्फ गुड्डू सक्सेना बताते हैं कि उस समय अखिलेश यावद की उम्र करीब 27 वर्ष थी। शर्मीले मिजाज के होने के बावजूद अखिलेश ने उपचुनाव में कामयाबी के लिए उन्होंने कन्नौज में ही डेरा डाल दिया। लोकसभा क्षेत्र के चप्पे-चप्पे को मथ डाला। उनकी मेहनत रंग लाई और बसपा के अकबर अहमद डंपी से मिली कड़ी टक्कर के बावजूद पहला चुनाव रिकॉर्ड वोटों से जीतने में कामयाबी हासिल कर ली।



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