Akhilesh said: If you cannot give justice to Dalit candidates then leave power, conspiracy to seat your people

योगी आदित्यानाथ और अखिलेश यादव
– फोटो : अमर उजाला

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समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि अगर 69000 शिक्षक भर्ती मामले में रास्ता नहीं निकाल सकते और पिछडे़ व दलित वर्ग के शिक्षक अभ्यर्थियों को न्याय नहीं दे सकते तो सत्ता छोड़ दें। भाजपा सरकार ने पिछड़ों और दलितों का आरक्षण छीना है। 69000 शिक्षक भर्ती में पिछड़ों व दलितों को न्याय नहीं मिला। उन्होंने कहा कि पिछड़े व दलित वर्ग के सभी नेता भाजपा छोड़कर पीडीए के साथ आएं।

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अखिलेश यादव ने संवाददाताओं से कहा कि भाजपा सरकार लोगो के साथ भेदभाव कर रही है। संविधान और आरक्षण को नुकसान पहुंचा रही है। अपने लोगों को लाभ देने के लिए लेटरल इंट्री के जरिए कुर्सी पर बैठाने का खेल खेल रही है। इसमें न तो संविधान की व्यवस्था और न ही आरक्षण की नियमावली का पालन हो रहा है।

अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त है। कानून व्यवस्था और भ्रष्टाचार पर भाजपा सरकार का जीरो टालरेंस का दावा झूठा साबित हुआ है। भाजपा सरकार ने किसानों को नैनो यूरिया खरीदवाया, लेकिन उससे किसानों को कोई फायदा नहीं हुआ। इसमें भी बडे़ पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। अखिलेश ने कटाक्ष करते हुए कहा कि सुनने में आया है कि नैनो यूरिया वाले भी लेटरल इंट्री से आए थे। लेटरल इंट्री से नौकरी पाने के बाद कई लोग भ्रष्टाचार करके देश छोड़कर भाग गए। भाजपा सरकार बढ़ती मंहगाई, बेरोजगारी रोकने में विफल रही है।

यूपीएससी के पदों पर अपने लोगों को बैठने की साजिश

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा अपनी विचारधारा के लोगों को पिछले दरवाजे से यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) के उच्च सरकारी पदों पर बैठाने की जो साजिश कर रही है, उसके खिलाफ एक देशव्यापी आंदोलन खड़ा करने का समय आ गया है। ये तरीका आज के अधिकारियों के साथ ही युवाओं के लिए भी उच्च पदों पर जाने का रास्ता बंद कर देगा। अगर सरकार इस फैसले से पीछे नहीं हटती है तो 2 अक्टूबर से उन्होंने आंदोलन का आह्वान भी किया है

अखिलेश ने कहा कि दरअसल यह सारी चाल पीडीए से आरक्षण और उनके अधिकार छीनने की है। अब जब भाजपा ये जान गई है कि संविधान को खत्म करने की भाजपाई चाल के खिलाफ देश भर का पीडीए जाग उठा है तो वो ऐसे पदों पर सीधी भर्ती करके आरक्षण को दूसरे बहाने से नकारना चाहती है।

भाजपा सरकार इसे तत्काल वापस ले, क्योंकि ये देशहित में भी नहीं है।

अखिलेश ने कहा कि देशभर के अधिकारियों और युवाओं से आग्रह है कि यदि भाजपा सरकार इसे वापस न ले तो आगामी 2 अक्तूबर से एक नया आंदोलन शुरू करने में हमारे साथ कंधे-से-कंधा मिलाकर खड़े हों। सरकारी तंत्र पर कारपोरेट के कब्जे को बर्दाश्त नहीं करेंगे, क्योंकि कारपोरेट की पूंजीवादी सोच लाभ कमाने की होती है। ऐसी सोच दूसरे के शोषण पर निर्भर करती है।

 



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