समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक बार फिर सरकार को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार से जनता त्रस्त हो चली है। सत्ता के अहंकार में भाजपा इतनी अंधी हो चुकी है कि उसे जनता की तकलीफें नहीं दिखाई दे रही हैं। प्रदेश की जनता अपनी मूलभूत आवश्यकताओं को भी पूरा करने में संघर्ष कर रही है। बिजली पानी का संकट जनता की रोज की समस्या है। भारी उमस और गर्मी से छोटे, बड़े, बुजुर्ग सभी परेशान है।

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उन्होंने जारी बयान में कहा कि भाजपा सरकार में प्रदेश भर में बिजली-पानी का संकट है। शहर से लेकर गांव तक लोग परेशान है। खुद प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में लोग बिजली कटौती से परेशान हैं। 21 मिनट में चार बार बिजली कटने की खबर अखबारों की सुर्खियां बनी हैं। 131 नलकूपों से यहां जल आपूर्ति तक नहीं शुरू हो पाई है। बांदा में गांवों को 8 घंटे भी बिजली नहीं मिल रही है, जबकि 550 मेगावाट बिजली की आवश्यकता है।

बिजली का उत्पादन नहीं कर पा रही सरकार

सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार की विफलताओं का दंश देश की जनता झेलने को विवश हो रही है। भाजपा सरकार में एक भी यूनिट बिजली का उत्पादन नहीं हुआ। जो बिजलीघर समाजवादी सरकार में बने थे, उनसे ही बिजली मिल रही है। भाजपा सरकार बिजलीघरों की क्षमता भर भी बिजली का उत्पादन नहीं कर पा रही है। बिजली महंगी होती जा रही है। भाजपा की गलत नीतियों से बिजली विभाग के कर्मचारी तक आंदोलित है। अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए भाजपा निजीकरण को प्राथमिकता दे रही है। निजीकरण सेबड़े उद्योगपतियों को फायदा होना है।

कहीं नल से जल आता दिख नहीं रहा

उन्होंने कहा कि जनता पानी के लिए तरस रही है। भाजपा सरकार की पेयजल योजनाएं विफल है। फाइलों में तो इन योजनाओं के रंगीन चित्र दिख रहे हैं, पर हकीकत में जमीन पर भाजपा सरकार की कोई भी योजना सफल नहीं हुई है। गांव-गांव, शहर-शहर पाइप लाइनें आधी-अधूरी पड़ी है, पर कहीं नल से जल आता दिख नहीं रहा है। भाजपा सरकार की हर घर नल योजना का हाल यह है कि बहुत जगहों पर साल-डेढ़ साल पहले लगे पाइप से एक बूंद भी शुद्ध जल नहीं आया। जल जीवन मिशन के तहत सिर्फ सड़के खोद दी गई। जनता को शुद्ध पेयजल नहीं मिला। जल जीवन मिशन घोटाला और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है।

पॉवर प्लांट की क्षमता बढ़ाने पर ध्यान ही नहीं दिया

उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार में जनहित की योजनाओं और कामों को अगर भाजपा सरकार विद्वेषवश बर्बाद नहीं करती तो आज प्रदेश की जनता इतनी परेशान और बदहाल नहीं होती। समाजवादी सरकार में बिजली योजनाओं को जमीन पर उतारा गया, लेकिन भाजपा ने उन पॉवर प्लांट की क्षमता बढ़ाने पर ध्यान ही नहीं दिया। भाजपा की डबल इंजन सरकारें आपस में ही टकराती आ रही है। उन्हें जनता के हितों की कोई परवाह नहीं है। प्रदेश को अतिरिक्त बिजली का कोटा केंद्र सरकार से अभी तक नहीं मिला, जबकि प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश से ही चुने गए हैं।



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