उत्तर प्रदेश के गन्ना विकास एवं चीनी मिलें मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण ने कहा कि यह एक भ्रम फैलाया गया है कि गन्ना समितियां घाटे में चल रही हैं। जब तक हमने ऑडिट (लेखा परीक्षा) नहीं कराई थी, तब तक हमें भी ऐसा ही लगता था। आज उत्तर प्रदेश की गन्ना समितियों के पास 3000 करोड़ रुपये मौजूद हैं।

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मंत्री चौ. लक्ष्मी नारायण 20 दिसंबर को अमर उजाला के उत्कृष्टता सम्मान में शामिल होने के लिए आए थे। उन्होंने कहा कि समितियों में वेतन का कोई संकट नहीं है। सभी समितियों को नई बिल्डिंग बनाने के लिए बजट आवंटित कर दिया गया है। नए स्टाफ की मांग भी की गई है। सोसायटियों द्वारा संचालित कॉलेजों का ढांचागत विकास किया जा रहा है और नए कॉलेज बनाने के लिए भी प्रस्ताव लिखे गए हैं। प्रदेश सरकार ने बंद पड़ी चीनी मिलों को पुनर्जीवित किया है।

गन्ना बीज 0238 अभी न लगाएं

गन्ना बीज 0238 में लग रहे रोग पर चिंता जताते हुए मंत्री ने कहा कि इसी बीज की बदौलत पैदावार 250 से बढ़कर 600 क्विंटल तक पहुंची थी। वर्तमान में इस बीज में रोग आने के कारण इसे न लगाने की एडवाइजरी जारी की गई है। पूर्वी यूपी में यह रोग अधिक है, जबकि पश्चिमी यूपी के कुछ जिलों में असर कम है। सरकार ने पंजाब और हरियाणा से नए बीज मंगवाए हैं। बीज को पूरी तरह सर्टिफाइड होने में 5-6 साल लगते हैं। मंत्री ने निर्देश दिए हैं कि यदि कोई किसान कहीं से अच्छा और उन्नत बीज लाता है, तो उसके परिवहन का पूरा खर्च संबंधित चीनी मिल उठाएगी।



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