आगरा साइबर पुलिस द्वारा गिरफ्तार चंडौस के गांव अमृतपुर का अजय उर्फ टीपू सिर्फ सातवीं पास है। उसके कारनामे सुनने के बाद खुद ग्रामीण दंग हैं कि ढाई दशक पहले गांव छोड़ने वाले कम पढ़े लिखे ग्रामीण युवक ने इतना बड़ा जाल कैसे फैला दिया। 13 दिसंबर को समाचार पत्रों में खबर प्रकाशित होने के बाद इसे लेकर गांव में तरह तरह की चर्चाएं होती रहीं।

परिवार के लोगों व ग्रामीणों ने बताया कि उसने पड़ोसी गांव ओगीपुर के विद्यालय से सातवीं तक की पढ़ाई की। इसी बीच उसके माता-पिता का देहांत हो गया। 2002 में उसने गांव छोड़ दिया। आगरा में किसी रिश्तेदार के पास रहकर मल्टीलेवल मार्केटिंग कंपनी से जुड़कर काम करने लगा। किसी ने कभी न सोचा था कि वह इतने बड़े नेटवर्क का संचालन करेगा। कुछ समय बाद ही वह खुद एक एमएलएम कंपनी का डिस्ट्रीब्यूटर बन गया। 

इसी बीच छोटे भाई का भी बीमारी के चलते निधन हो गया। फिर कब उसने अन्य लोगों के साथ मिलकर क्रिप्टो करंसी की फर्जी साइट बनाकर यह गोरखधंधा शुरू कर दिया, इसकी जानकारी किसी को नहीं। कभी कभार वह गांव आता तो रोजगार के विषय में बहुत कुछ ज्यादा चर्चा किसी से नहीं हुई। बता दें कि अजय को 50 करोड़ से अधिक की ठगी में आगरा पुलिस ने जेल भेजा है।



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