खेरेश्वर चौराहे पर अभिषेक की हत्या के बाद उसी रात पुलिस ने नामजद पूजा के पति अशोक पांडेय को दबोच लिया था। उसे 28 सितंबर को जेल भेजा था। फिर प्रयास करते हुए एक अक्तूबर को शूटर फजल व तीन अक्तूबर को शूटर आसिफ को पकड़कर जेल भेजा था।
इन दोनों से पूजा व अशोक द्वारा सुपारी दिया जाना तय होने के बाद पुलिस ने पूजा शकुन का पीछा शुरू किया। तब यह उजागर हुआ कि पूजा घटना वाली रात ही यहां से भाड़े की कार से बुर्का पहनकर गाजियाबाद में यति नरसिंहानंद के डासना आश्रम पहुंची है।
जब पुलिस वहां पहुंची तो पता चला कि 27 सितंबर को तड़के ही उसे यहां से हरिद्वार भेज दिया गया। जब पुलिस हरिद्वार पहुंची तो पता चला कि 28 की शाम को उसे यहां से निकाल दिया गया।
हरिद्वार से 29 सितंबर को मुरादाबाद पहुंची थी पूजा
इसके बाद पुलिस पूरी तरह खाली हाथ थी। मगर तभी पुलिस को सात अक्तूबर को यह खबर मिली कि पूजा शकुन के अधिवक्ता ने सत्र न्यायालय में दायर की अग्रिम जमानत अर्जी नॉट प्रेस यानी बेल दिए जाने से इन्कार के बाद वापस ले ली है। इस प्रक्रिया पर पुलिस का ध्यान गया, तब पुलिस ने करीबियों के नंबरों के जरिये काम शुरू किया तो पता चला कि हरिद्वार से चलकर पूजा 29 सितंबर को मुरादाबाद पहुंची थी।