Aligarh exhibition which lasted for 30 days will have a colorful conclusion

अलीगढ़ महोत्सव राजकीय औद्योगिक एवं कृषि प्रदर्शनी।
– फोटो : संवाद

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गंगा-जमुनी तहजीब की प्रतीक अलीगढ़ की 144वीं नुमाइश का 1 मार्च को विधिवत समापन होगा। प्रशासन के स्तर से इसकी घोषणा कर दी गई है। शाम चार बजे कृष्णांजलि में कार्यक्रम होगा। दुकानदारों ने सामान समेटने की तैयारी कर ली है।

नुमाइश में संस्कृति के अथाह प्रवाह ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। नई कल्पनाओं को भी उड़ान मिली। प्रतिभाएं निखरीं और कलाकारों को नया मुकाम मिला। कृष्णांजलि, कोहिनूर और मुक्ताकाश मंच ने सांस्कृतिक विरासत की एक नई पहचान दी। कोहिनूर मंच जहां बी प्राक, शब्बीर कुमार, कुमार विश्वास, स्वाति मिश्रा, पीयूष मिश्रा, सुहानी शाह जैसे उम्दा कलाकारों से दमक उठा। वहीं कुश्ती में पहलवानों के दांव-पेच चले। बेहतरीन व्यवस्थाओं ने दर्शकों को अपना मुरीद बनाया। लोगों ने कहा 2024 की यह नुमाइश हमेशा यादगार रहेगी।

30 दिन तक चली नुमाइश 

नुमाइश के इतिहास में हमेशा 21 दिन तक इसका आयोजन होता आया है। इस बार नुमाइश 30 दिन तक चली। एक फरवरी को प्रदेश के गन्ना एवं चीनी मिल मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण ने इसका फीता काटकर उद्घाटन किया था। पहले इसका 26 फरवरी को समापन होना था। इसे चार दिन और आगे बढ़ा दिया गया।

डीएम सिटी अमित कुमार भट्ट ने बताया कि नुमाइश का समापन पारंपरिक तरीके से समारोह के मध्य शाम चार बजे से कृष्णांजलि नाट्यशाला में होगा। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ समारोह में दुकानदार, ठेकेदार, कर्मचारी, अफसर एवं कार्यकारिणी सदस्यों को नुमाइश को सफल बनाने के लिए सम्मानित किया जाएगा। पुलिस-प्रशासनिक अफसरों के साथ ही जनप्रतिनिधियों को भी समारोह में आमंत्रित किया गया है।



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