environment of school not change then children will not be taught

महुआ खेड़ा प्राथमिक विद्यालय के बाहर परिजन के साथ बच्चे
– फोटो : संवाद

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अलीगढ़ महानगर से सटे महुआखेड़ा स्थित प्राथमिक विद्यालय में स्टाफ के बीच चले आ रहे विवाद को लेकर बृहस्पतिवार को ग्रामीण फिर से स्कूल में पहुंच गए। उन्होंने नारेबाजी करते हुए हंगामा करना शुरू कर दिया। ग्रामीणों ने शिक्षकों पर आरोप लगाया कि स्टाफ के आपसी विवाद में बच्चों की पढ़ाई-लिखाई बाधित हो रही है और इसका बच्चों पर विपरीत असर भी पड़ रहा है। 

ग्रामीणों ने स्कूल स्टाफ को चेतावनी दी कि स्कूल का माहौल बदल लो, नहीं तो मजबूर होकर उन्हें स्कूल से बच्चों के नाम कटवाकर उन्हें दूसरे स्कूलों में भेजना पड़ेगा। स्कूल में पढ़ने वाले तमाम छात्र-छात्राओं के अभिभावक विद्यालय खुलने के साथ ही स्कूल पहुंच गए। उन्होंने स्टाफ के बीच आए दिन होने वाले आपसी विवाद एवं अभद्रता को लेकर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए नारेबाजी करते हुए हंगामा करना शुरू कर दिया। इस दौरान उनकी शिक्षकों से नोंक-झोंक भी हो गई। 

ग्रामीणों का आरोप था कि विद्यालय में तैनात स्टाफ आपस में झगड़ा करता हैं और अभद्रता भी करते हैं। इससे छात्र-छात्राओं की पढ़ाई बाधित हो रही है। उन्होंने कहा कि जब तक आपस में झगड़ा करने वाले शिक्षकों का यहां से स्थानांतरण नहीं होगा तब तक विद्यालय का माहौल नहीं बदलेगा। उन्होंने प्रकरण में डीएम, बीएसए समेत अन्य अधिकारियों से शिकायत करते हुए कार्रवाई की मांग की है। 

हंगामे की खबर पर महुआखेड़ा पुलिस भी पहुंच गई और ग्रामीणों को किसी तरह समझा-बुझाकर शांत कराया और घर भिजवाया।  ग्रामीणों ने इस प्रकरण को लेकर सोमवार को भी स्कूल पहुंचकर जमकर हंगामा काटा था। इतना ही नहीं स्कूल के गेट पर भी ताला जड़ दिया था। ग्राम प्रधान लज्जावती ने डीएम एवं बीएसए को पत्र भेजकर मामले की जांच कराने की मांग की थी। ग्राम प्रधान ने कहा कि विद्यालय स्टाफ के आपसी झगड़े का असर बच्चों के भविष्य पर पड़ रहा है। ऐसे में दोनों का स्थानांतरण अन्यंत्र कर दिया जाए, जिससे विद्यालय में शिक्षा का बेहतर माहौल बन सके।



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