So far eight people have died due to fever in Ranjitgarhi

गांव में फॉगिंग कराते ग्राम प्रधान
– फोटो : संवाद



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टप्पल क्षेत्र की ग्राम पंचायत खेड़िया बुजुर्ग का माजरा रंजीतगढ़ी में डेढ़ महीने से बुखार का प्रकोप है। 60 लोग बुखार की चपेट में हैं, जिसमें हालत गंभीर होने पर 15 से अधिक लोग अलग-अलग निजी अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि डेढ़ महीने में गांव के आठ लोगों की मौत हो चुकी है।

5 नवंबर को 24 वर्षीय एक बैंककर्मी ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग पर गांव की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। इधर, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने गांव में डेंगू से किसी भी व्यक्ति की मौत होने से इन्कार किया है।

जानकारी के मुताबिक 24 वर्षीय डॉली कुमारी पुत्री पुष्कर सिंह 2 नवंबर से ही डेंगू से पीड़ित थी, जिसका इलाज अलीगढ़ के एक निजी अस्पताल में चल रहा था। ज्यादा हालात खराब होने के बाद उसे गाजियाबाद के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉली ने रविवार को दम तोड़ दिया। पिता ने बताया कि उनकी बेटी तकीपुर के ग्रामीण बैंक में पिछले 4 वर्षों से बैंक मित्र के पद पर कार्यरत थी।

इनकी हुई बुखार से मौत

वीरेंद्र सिंह उम्र 54 वर्ष, गीता देवी पत्नी करन उम्र 25 वर्ष, कमलेश देवी पत्नी मोहर सिंह उम्र 40 वर्ष, रानी देवी पत्नी सूरजपाल सिंह उम्र 50 वर्ष, ओमवती देवी उम्र 52 वर्ष, रामपाल सिंह पुत्र लीला सिंह उम्र 62 वर्ष, रवेंद्र सिंह पुत्र भारचंद्र उम्र 47 वर्ष।

दवा का छिड़काव

ग्राम प्रधान दिनेश कुमार ने बताया कि गांव में मलेरिया और डेंगू की रोकथाम के लिए दवा का छिड़काव कर फॉगिंग कराई जा रही है। गांव में डॉक्टर भी आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की जिलास्तरीय टीम को गांव का दौरा करना चाहिए।

लड़की की मौत डेंगू से नहीं बल्कि झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही की वजह से हुई है। गांव रंजीतगढ़ी में डेंगू से किसी भी व्यक्ति की मौत की पुष्टि नहीं हुई है। गांव में एडीज मच्छर का लार्वा नहीं मिला है। दो बार दवा का छिड़काव और चार बार शिविर लगाया गया है। -डॉ. बृजेश कुमार, सीएचसी प्रभारी, टप्पल।



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