ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से वक्फ संशोधन कानून को लेकर किए गए भारत बंद के आह्वान का ऑल इंडिया मुस्लिम जमात ने विरोध तो ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस ने समर्थन किया है। मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल बोर्ड ने भारत बंद का ऐलान किया है। मुसलमानों को चाहिए कि इसे नाकाम बना दें। इस दौरान प्रदर्शन भी प्रस्तावित है। आई लव मोहम्मद के पोस्टर और बैनर भी लगाए जाएंगे। इसके पीछे सियासी मकसद है। इसलिए मुसलमान भारत बंद में शरीक न होकर अपनी दिनचर्या जारी रखें।
उधर, ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस के जिलाध्यक्ष अतीक करम इदरीसी ने कहा कि वक्फ संशोधन कानून से मुसलमानों के मौलिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है। यह वक्फ संपत्तियों को बर्बाद करने की साजिश है। वक्फ बोर्ड में हिंदू सदस्य बनना किसी तरह से उचित नहीं है। हिंदू सदस्य कैसे तय करेंगे कि मजार का सज्जादा किसे होना चाहिए और मस्जिद का इमाम किसे होना चाहिए? सैकड़ों वक्त संपत्तियां सरकारी दफ्तरों के कब्जे में हैं, जिनका कोई किराया वक्फ को नहीं मिलता है। इस प्रकार की वक्फ संपत्तियां उक्त संशोधन से लुप्त हो जाएंगी।
यह भी पढ़ें- दशहरा के बाद जुमा: बरेली में फिर बढ़ाई गई सुरक्षा… ड्रोन से निगरानी; जिला प्रशासन ने जारी किए फोन नंबर
तीन अक्तूबर को नहीं होगा भारत बंद
वक्फ संशोधन कानून के विरोध में तीन अक्टूबर को प्रस्तावित भारत बंद अब नहीं होगा। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने त्यौहारों के मद्देनजर इस बंद को स्थगित करने का फैसला लिया है। बोर्ड के पदाधिकारियों ने कहा कि देशभर में चल रहे त्योहारों को देखते हुए बंद से आमजन को असुविधा हो सकती थी। इसी कारण फिलहाल आंदोलन की तारीख टाल दी गई है। नई तारीख की घोषणा जल्द की जाएगी। बोर्ड ने कहा कि संशोधन कानून मुसलमानों की धार्मिक और सामाजिक पहचान से जुड़ा मुद्दा है। इसके खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा।