संवाद न्यूज एजेंसी

झांसी। रेलवे ने ट्रेनों में हवाई जहाज की तर्ज पर बायो वैक्यूम टॉयलेट लगाए, लेकिन यात्रियों द्वारा इसका सही इस्तेमाल न कर पाने के चलते पूरे कोच में दुर्गंध फैल जाती थी। लेकिन, झांसी मंडल से संचालित होने वाली ट्रेनों को वेंचुरी उपकरण ने दुर्गंध से मुक्ति दिला दी है। मंडल के 350 कोच के 1400 टॉयलेट में वेंचुरी उपकरण लगाने का काम पूरा कर लिया गया है।

ट्रेनों के टॉयलेट में कई बार पानी नहीं आता तो कई दफा यात्रियों द्वारा फ्लश नहीं चलाया जाता, जिसके चलते उसकी दुर्गंध पूरे कोच और खासकर टॉयलेट के पास वाली बर्थ पर यात्रा करने वालों की यात्रा मुश्किल बना देती है। इस समस्या से यात्रियों को छुटकारा दिलाने के लिए मंडल ने 2 साल पहले ट्रेनों में वेंचुरी नाम का क्रॉस वेंटिलेटर लगाने का काम शुरू किया था। जिसकी शुरूआत बुंदेलखंड एक्सप्रेस से की गई थी। यह प्रयोग सफल होने के बाद धीरे-धीरे अन्य ट्रेनों में भी लगाया गया। अब इसी साल फरवरी में मंडल ने सभी 350 कोच के 1400 टॉयलेट में वेंचुरी लगाने का काम पूरा कर लिया है।

– ऐसे काम करता है वेंचुरी

बायो वैक्यूम टॉयलेट में लगाया गया वेंचुरी जिस दिशा में ट्रेन चलती है उस दिशा से शुद्ध हवा को टॉयलेट के अंदर लाता है और दूसरे सिरे से दुर्गंध को बाहर कर देता है। टॉयलेट के दरवाजे के नीचे रोशनदान भी बनाए गए हैं ताकि, दुर्गंध को बाहर भेजने में उमस न हो।

– इन ट्रेन में लगाए गए हैं वेंचुरी

झांसी-बांदा एक्सप्रेस, झांसी-लखनऊ इंटरसिटी, प्रथम स्वतंत्रता संग्राम एक्सप्रेस, झांसी-इटावा एक्सप्रेस, झांसी इंदौर एक्सप्रेस, उत्तर प्रदेश संपर्क क्रांति, बुंदेलखंड एक्सप्रेस, चंबल एक्सप्रेस, झांसी-कानपुर पैसेंजर, झांसी-लखनऊ पैसेंजर, झांसी-खजुराहो पैसेंजर, झांसी-बीना पैसेंजर, झांसी-आगरा पैसेंजर, झांसी-बांदा पैसेंजर, ग्वालियर-आगरा पैसेंजर, झांसी-इटारसी पैसेंजर वेंचुरी से लैस हो गई हैं।

वर्जन

मंडल से संचालित होने वालीं सभी ट्रेन अब वेंचुरी उपकरण से लैस हो गई हैं, जो टॉयलेट की दुर्गंध को बाहर कर शुद्ध हवा को कोच में पहुंचाता है।

मनोज कुमार सिंह, मंडल रेल जनसंपर्क अधिकारी।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *