Allahabad High Court: High Court refuses to grant bail to Lashkar-e-Taiba member, treason case

इलाहाबाद हाईकोर्ट
– फोटो : अमर उजाला

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नफरत फैलाने के आरोपी और लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य इनामुल हक उर्फ इनामुल इम्तियाज को जमानत देने से इन्कार कर दिया। यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने इनामुल हक उर्फ इनामुल इम्तियाज की जमानत अर्जी को खारिज करते हुए दिया है।

आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) ने याची के खिलाफ आईपीसी की धारा 121ए (देश विरोधी गतिविधियों), 153-ए और आईटी की धारा 66 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। आरोप लगाया कि वह एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर जिहादी साहित्य और जिहादी वीडियो अपलोड करता था। प्राथमिकी के अनुसार याची ने यह स्वीकार किया है कि वह जिहादी बनना चाहता था और वह लश्कर-ए-तैयबा से भी जुड़ा था। उसके ग्रुप से 181 लोग जुड़े थे। इसमें पाकिस्तान के 170 सदस्य, अफगानिस्तान के तीन, मलेशिया व बांग्लादेश के एक-एक सदस्य और भारत के छह सदस्य शामिल थे।

याची की ओर से कहा गया कि उसके खिलाफ देशद्रोह की धारा लगाना सही नहीं है। जो आरोप लगाए गए हैं, उसमें उसे पांच साल की सजा हो सकती है। हालांकि, सरकारी अधिवक्ता ने जमानत का विरोध किया। कोर्ट ने कहा कि याची व्हाट्सएप पर दो ग्रुप संचालित कर रहा था। दोनों का वह एडमिन था। इसमें विदेशी नागरिक शामिल थे। ये हथियारों के अधिग्रहण को बढ़ावा दे रहे थे। कोर्ट ने आरोपों की गंभीरता को देखते हुए जमानत देने से मना कर दिया।



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