
इलाहाबाद संग्रहालय में रख रखाव के अभाव में नष्ट हो रहे दुर्लभ अभिलेख।
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दुर्लभ ताड़पत्रों के अलावा पांडुलिपियों के दो दशक से इलाहाबाद संग्रहालय के एक कमरे में बिना किसी संरक्षण केे रखे जाने की बात सामने आई है। पता चला है कि यह पांडुलिपियां 2004 में तत्कालीन निदेशक उदय शंकर तिवारी के निर्देश पर संग्रह के लिए लिखापढ़ी के बाद लाई गई थीं। तब इसके लिए कमेटी के गठन की भी बात सामने आई है। लेकिन, आपसी खींचतान में उनका संरक्षण नहीं किया गया। अलबत्ता इन ताड़पत्रों के साथ कई बहुमूल्य पेंटिंग भी इसी कक्ष में जमीन पर रखे जाने से बर्बाद हो गई।
ऐसा तब हुआ जब ऐसे हस्तलेखों और महत्वपूर्ण चित्रों को दीमकों से बचाने के लिए प्रतिवर्ष लाखों रुपये का बजट दिया जाता है। सात महीने पहले चार अगस्त 2023 को छह सदस्यीय कमेटी की ओर से पांडुलिपियों और ताड़पत्रों की जांच रिपोर्ट संग्रहालय प्रशासन को दी गई, लेकिन इस पर कार्रवाई की बजाय चुप्पी साध ली गई। जांच रिपोर्ट के साथ ही वहां की बर्बादी की तस्वीरें ली गईं और वीडियो रिकॉर्डिंग भी कराई गई। इसमें दुर्लभ पांडुलिपियों के सैकड़ों पन्ने टूटकर उस कक्ष में बिखरे हुए साफ देखे जा सकते हैं।