
पर्वत सिंह बादल उरई ( ब्यूरो चीफ जालौन) ✍️
(उरई जालौन) कालपी: जालौन जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने नगर पालिका कालपी द्वारा वार्ड नंबर 5 में फूला देवी के मकान से हाशिम की दुकान तक लगभग 9 लाख रुपये की लागत से बनाई जा रही इंटरलॉकिंग सड़क का निरीक्षण किया। निरीक्षण में पाया गया कि सड़क निर्माण में जीएसबी (ग्रेन्युलर सब बेस) का प्रयोग ही नहीं किया गया है। गंभीर अनियमितता देखते हुए जिलाधिकारी ने तत्काल आदेश दिया कि इंटरलॉकिंग को उखाड़कर प्राक्कलन के अनुसार जीएसबी डाल कर सड़क का निर्माण दोबारा कराया जाए। उन्होंने उपजिलाधिकारी व अधिशासी अधिकारी को निर्देशित किया कि नगर में चल रहे सभी निर्माण कार्यों का नियमित निरीक्षण करें और किसी भी स्तर पर गुणवत्ता से समझौता न होने दें। साथ ही सभी पूर्ण हो चुके कार्यों पर सीआईबी बोर्ड लगाने के निर्देश भी दिए, जिससे जनता को निर्माण कार्य की पूरी जानकारी मिल सके।
इस अवसर पर चेयरमैन अरविंद यादव, उप जिलाधिकारी मनोज कुमार, अधिशासी अधिकारी आदि सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे। जालौन जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय के औचक निरीक्षण में वार्ड नंबर 5 की सड़क पर बड़ा खेल सामने आया। लगभग 9 लाख रुपये की लागत से बन रही सड़क में जीएसबी (ग्रेन्युलर सब बेस) तक नहीं डाली गई थी। जिलाधिकारी ने मौके पर ही दिया सख्त आदेश । पूरी इंटरलॉकिंग सड़क उखाड़ी जाए प्राक्कलन के अनुसार जीएसबी डालकर सड़क का दोबारा निर्माण कराया जाए। नगर में चल रहे सभी निर्माण कार्यों की नियमित निगरानी हो पूर्ण कार्यों पर लगेगा सीआईबी बोर्ड, ताकि जनता जान सके पूरे खर्च का हिसाबनिरीक्षण के दौरान चेयरमैन अरविंद यादव, एसडीएम मनोज कुमार और अधिशासी अधिकारी समेत कई अधिकारी मौजूद रहे।अब देखना ये है कि करोड़ों की योजनाओं में इस तरह की अनियमितताओं पर और किस-किस पर गिरेगी गाज
Jalaun में 9 लाख की लागत से बन रही इंटरलॉकिंग सड़क में घोटाले का आरोप, जीएसबी न होने पर डीएम ने दोबारा निर्माण का आदेश दिया
ByParvat Singh Badal (Bureau Chief Jalaun)✍️
Sep 4, 2025 #Instructions to uproot the road and reconstruct it by installing new GSB
जालौन के जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने कालपी नगर पालिका क्षेत्र में जीएसबी (ग्रेन्युलर सब बेस) के बिना बन रही इंटरलॉकिंग सड़क के निर्माण पर नाराजगी जताते हुए उसे दोबारा बनवाने का आदेश दिया है. निरीक्षण के दौरान पाई गई इस अनियमितता के बाद डीएम ने सड़क को उखाड़कर जीएसबी डालकर निर्माण कार्य कराने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही, उन्होंने सभी निर्माण कार्यों की नियमित निगरानी और गुणवत्ता से समझौता न करने की हिदायत भी दी है.जीएसबी ( ग्रेन्युलर सब-बेस) डालकर सड़क का निर्माण दोबारा कराने का आदेश दिया गया है, क्योंकि मौजूदा निर्माण में इस अनिवार्य परत का उपयोग नहीं किया गया है, जो सड़क की गुणवत्ता के लिए आवश्यक है।
क्या है जीएसबी और इसकी आवश्यकता:
जीएसबी क्या है:
जीएसबी प्राकृतिक रेत, कुचली हुई बजरी, या पत्थर से बना एक परत है जो सड़क के सबग्रेड (नीचे की मिट्टी) और ऊपरी क्रस्ट सामग्री के बीच रखी जाती है।
क्यों जरूरी है:
यह सड़क की नींव को मजबूत बनाने, पानी के जल निकासी में मदद करने और सड़कों की उम्र बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
क्या कार्रवाई हुई:
जालौन के जिलाधिकारी ने एक सड़क निर्माण का निरीक्षण किया और पाया कि जीएसबी के बिना निर्माण हुआ है।
उन्होंने तुरंत सड़क को उखाड़ने और नया जीएसबी डालकर दोबारा निर्माण कराने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने यह भी आदेश दिया कि निर्माण कार्यों की नियमित निगरानी की जाए और गुणवत्ता से कोई समझौता न किया जाए।
यह आदेश सड़क निर्माण में घटिया सामग्री के इस्तेमाल पर अंकुश लगाने और जनता को अच्छी गुणवत्ता वाली सड़कें उपलब्ध कराने के उद्देश्य से दिया गया है।
मुख्य बिंदु स्थान: जालौन जिले का कालपी नगर पालिका क्षेत्र.
समस्या: फूला देवी के मकान से हाशिम की दुकान तक बन रही इंटरलॉकिंग सड़क में जीएसबी (ग्रेन्युलर सब बेस) का उपयोग नहीं किया गया था.
निर्णय: जालौन जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने सड़क को दोबारा निर्माण करने का आदेश दिया है.
निर्देश: सड़क को उखाड़कर जीएसबी डालकर दोबारा बनवाई जाए.उपजिलाधिकारी और अधिशासी अधिकारी को क्षेत्र में चल रहे निर्माण कार्यों की नियमित निगरानी करने का निर्देश दिया गया है.
गुणवत्ता से किसी भी प्रकार का समझौता न करने की हिदायत दी गई है.
पूर्ण हो चुके कार्यों पर सीआईबी (कंस्ट्रक्शन इन्फॉर्मेशन बोर्ड) लगाने के भी निर्देश दिए गए हैं ताकि जनता को लागत और स्वीकृति की जानकारी मिल सके.
