लखनऊ। अब माध्यमिक विद्यालयों में पुराने छात्रों से फिर जुड़ने का मौका मिलने वाला है। प्रदेशभर के राजकीय व एडेड माध्यमिक विद्यालयों में अगले माह से पुरातन छात्र सम्मेलन शुरू किए जाएंगे। इसके लिए हर विद्यालय में पुरातन छात्र परिषद गठित करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
जेडी (माध्यमिक) और जिला विद्यालय निरीक्षक की ओर से प्रधानाचार्यों को कहा गया है कि परिषद का गठन जल्द पूरा करें और सम्मेलन की तैयारियां शुरू करें। इसका उद्देश्य पूर्व और वर्तमान छात्रों के बीच सेतु बनाना है, ताकि विद्यालय के विकास जैसे नए कक्ष, पुस्तकालय या संसाधन निर्माण में पुरातन छात्रों का योगदान लिया जा सके। जिला विद्यालय निरीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि शासन की गाइडलाइन के अनुसार नवंबर से सम्मेलन होंगे। राजधानी सहित मंडल के सभी राजकीय व एडेड कॉलेजों में तैयारियां जोरों पर हैं।
जानिए कौन होंगे परिषद के सदस्य
विद्यालय से पास होकर निकले ऐसे विद्यार्थी, जिन्होंने कला, संस्कृति, व्यवसाय, सरकारी सेवा, खेलकूद या समाजसेवा में विशेष योगदान दिया हो, परिषद के सदस्य बनेंगे। प्रारंभ में कम से कम तीन ऐसे छात्रों को अनिवार्य रूप से शामिल किया जाएगा।
दो बार होगी बैठक
हर वर्ष दो बार पुरातन छात्र परिषद की बैठक होगी, जिसमें पूर्व छात्र अपने अनुभव साझा करेंगे और विद्यालय विकास के लिए सुझाव देंगे।