
Amar Ujala Samvad
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अमर उजाला संवाद के दूसरे दिन के पहले सत्र में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भाग लिया। उन्होंने अमेठी में किए गए गृह प्रवेश से अपनी बात की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि जब वह 2014 में अमेठी आईं थीं तब उन्हें ठीक ढंग का किराए का घर तक नहीं मिला। मैं एक सीमेंट गोदाम के ऊपर एक कमरे में रहती थीं। अब मेरा वहां पर घर है।
अमेठी की लड़ाई मामूली लड़ाई नहीं
2014 में जब मैं अमेठी गई तो केंद्र में यूपी की सरकार थी और राज्य में सपा की सरकार थी। मुझे पता था कि मेरे लिए यह चुनाव कितना कठिन होना है। दस साल पहले एक बच्चा नौ और एक बच्चा 11 साल का था। तब हमारे लिए अमेठी को चुनना वाकई कठिन फैसला था। नौ साल के बच्चे को छोड़कर आना एक चुनौतीपूर्ण काम था।
पार्टी तय करेगी कि कौन लड़ेगा
स्मृति ईरानी ने कहा कि यह पार्टी नेतृत्व तय करेगा अमेठी से कौन लड़ेगा, लेकिन इतना तय है जो भी अमेठी से लड़ेगा भाजपा से ही दिल्ली पहुंचेगा। जहां तक उनका अनुमान है कि गांधी परिवार अमेठी से नहीं लड़ेगा। अमेठी में संघर्ष है। गांधी परिवार संघर्ष से बचता है।