काशी में शंकुलधारा पोखरे पर आयोजित अक्षय कन्यादान महोत्सव में अलग-अलग 125 वेदियां बनाई गईं, जहां समाज के अलग-अलग लोगों ने पिता की भूमिका निभाते हुए कन्यादान किया। इससे पहले आरएसएस प्रमुख के साथ ही अलग-अलग समाज के प्रमुख लोगों के साथ बरात का स्वागत किया गया। तस्वीरों में देखें- कन्यादान महोत्सव की झलकियां…
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अक्षय कन्यादान महोत्सव
– फोटो : अमर उजाला
एक साथ 125 दुल्हों ने किया प्रस्थान
द्वारकाधीश मंदिर से घोड़ा, गाड़ी और बग्घियों से 125 दूल्हों ने एक साथ प्रस्थान किया। परिवार के साथ समाज के लोग भी बैंड बाजा, आतिशबाजी के बीच नाचते हुए आगे बढ़ रहे थे। किरहिया चौराहा, चुंगी, गांधी चौक होते हुए दाह चौक के रास्ते बरात शंकुलधारा पहुंची।
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फूल-माला से बरातियों का किया गया स्वागत
महोत्सव के मुख्य यजमान वीरेंद्र जायसवाल के आवास (पूजावा बाजार) के बाहर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने वर यात्रा का स्वागत किया। व्यापारियों ने फूल-माला से बरातियों का जगह-जगह स्वागत किया। जगह-जगह जलपान की भी व्यवस्था की गई थी।
बरात विवाह स्थल पर पहुंची तो, महिलाओं ने परछन किया। इसके बाद आचार्यों ने विवाह पूजन शुरू कराया। कार्यक्रम में नव विवाहित युगलों को भेंट स्वरूप साइकिल, सिलाई मशीन, वस्त्र, आभूषण, नकदी और मिष्ठान भेंट किया गया।
सरसंघचालक मोहन भागवत सहित सभी विवाह वेदियों पर उपस्थित माता-पिता एवं आमंत्रित यजमान ने वैदिक विधि से कन्यादान किया। वर और कन्या के पैर पखारे। इसके बाद हवन कुंड में अग्नि प्रज्ज्वलित कर विधि पूर्वक हवन, अशमारोहन, लावा की आहुति दी गई।