
महिला डॉक्टर ने की आत्महत्या।
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यूपी के अंबेडकरनगर की सीएचसी बसखारी परिसर में बने आवास में निजी महिला चिकित्सक की मंगलवार रात संदिग्ध हालात में मौत हो गई। महिला अपने पति सीएचसी में तैनात चिकित्सक के साथ सरकारी आवास पर रहती थी। पति के अनुसार महिला ने फांसी लगा ली थी। जिंदा बचा लेने की उम्मीद में तुरंत उसे फंदे से उतारकर जिला अस्पताल ले गए, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस ने चिकित्सक पति व अन्य परिजनों के खिलाफ दहेज हत्या का केस दर्ज किया है।
बसखारी सीएचसी परिसर में बने डॉक्टर आवास में मंगलवार आधी रात के करीब चिकित्सक डॉ. प्रशांत सिंह ने लोगों को बताया कि उनकी पत्नी सुधा स्वाति सिंह (30) ने फांसी लगा ली है। खबर सुनते ही वहां अफरा-तफरी फैल गई। प्रशांत के अनुसार उन्होंने आसपास के लोगों की मदद से पंखे पर दुपट्टे के फंदे से लटक रहीं सुधा को बेसुध दशा में नीचे उतारा। इसके बाद सीएचसी में प्राथमिक उपचार देने की कोशिश के साथ एंबुलेंस के जरिए तत्काल जिला अस्पताल ले जाया गया। वहां चिकित्सकों ने सुधा को मृत घोषित कर दिया।
बुधवार सुबह सीओ सिटी देवेंद्र मौर्य व बसखारी पुलिस टीम ने आवास का जायजा लेने के बाद उसे सील कर दिया। साथ ही शव को जिला अस्पताल से ही पोस्टमाॅर्टम हाउस भिजवा दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए फोरेंसिक टीम ने भी इससे पहले चिकित्सक दंपती के आवास का विधिवत जायजा लेकर नमूना आदि एकत्र किए। इस बीच बिहार से पहुंचे महिला चिकित्सक के मायके पक्ष के लोगों ने पति व अन्य पर परिजनों पर दहेज के लिए प्रताड़ित करने का आरोप लगाया। कहा कि दो वर्ष पहले शादी हुई थी, उसके बाद से ही चिकित्सक के परिजन उत्पीड़न कर रहे थे। आरोप लगाया कि दहेज के लिए उनकी पुत्री की हत्या कर उसे आत्महत्या का रूप दिया जा रहा है। पुलिस ने आरोपी चिकित्सक व परिजनों के खिलाफ दहेज हत्या का केस दर्ज कर लिया है।
किया था प्रेम विवाह
सीएचसी में तैनात डॉ. प्रशांत सिंह ने बिहार आरा की रहने वाली सुधा स्वाति सिंह से प्रेम विवाह किया था। डॉ. प्रशांत के पिता डॉ. बीएन सिंह मेजर टांडा सीएचसी के प्रभारी रहे चुके हैं। उन्होंने अलीगंज में आवास बना रखा है। डॉ. मेजर भी बिहार के आरा के रहने वाले हैं। बताया जाता है कि वर्षों पहले डॉ. सुधा स्वाति सिंह से प्रशांत को प्रेम हो गया था। इसके बाद दोनों परिवारों की सहमति से 10 मई 2022 को विधिवत विवाह हुआ था। विवाह के बाद से दंपती सीएचसी बसखारी में बने आवासीय भवन में रहते थे। सुधा ने एमडीएस की डिग्री ले रखी थी। वह बसखारी नगर में ही दंत चिकित्सक के रूप में निजी प्रैक्टिस करती थीं। अभी चिकित्सक दंपती को कोई संतान नहीं थी।
खड़े हो रहे कई गंभीर सवाल
चिकित्सक प्रशांत के अनुसार वे तथा उनकी पत्नी एक ही कमरे में सो रहे थे। इसी कमरे में लगे पंखे से फंदा लगाकर उनकी पत्नी ने जान दे दी। अब लोगों के गले यह तर्क नहीं उतर रहा कि यदि सब कुछ सामान्य था तो एक ही कमरे में रहते हुए डॉ. प्रशांत फांसी लगाने जैसी घटना कैसे नहीं जान पाए। प्रशांत के अनुसार बेड पर स्टूल रखकर सुधा ने फांसी लगाई। स्टूल गिरने के बाद आवाज हुई तो वे उठे और बचाने की कोशिश की। प्रशांत ने पुलिसकर्मियों को बताया कि उनकी पत्नी बेड पर सो रही थीं जबकि वे जमीन पर लेटे हुए थे। स्थानीय लोगों ने यह सवाल भी खड़ा किया कि बगल में ही बसखारी थाना स्थित होने के बावजूद उसे सूचित क्यों नहीं किया गया। बताया जाता है कि युवती के मायके बिहार से पुलिस अधीक्षक आवास पर फोन किया गया। वहां से बुधवार भोर में बसखारी पुलिस को पूरी घटना बताई गई तब जाकर पुलिस टीम वहां मौके पर पहुंची।
