यूपी के अमेठी में बृहस्पतिवार को व्यापारियों ने खाद्य सुरक्षा विभाग के अफसरों पर गंभीर आरोप लगाए। कहा कि उत्पाद बनाने वाली कंपनी व सप्लाई करने वाली एजेंसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती। फुटकर सामान बेचने वाले छोटे व्यापारियों को परेशान किया जाता है। दबाव बनाने के लिए आए दिन नमूना लिया जाता है।
विभाग की ओर से भुने चने में रंग की मिलावट की रोकथाम को लेकर अभियान चलाया जा रहा है। दरअसल, बुधवार को खाद्य सुरक्षा विभाग टीम ने अलग-अलग दुकानों पर छापा मारा गया। चने का नमूना लेकर सात बोरी चना सीज किया गया। साथ ही जांच रिपोर्ट आने तक बिक्री पर रोक लगा दी गई।
छोटे व्यापारियों को सिर्फ परेशान किया जाता
बृहस्पतिवार को व्यापारी अनुज कुमार ने कहा कि उनकी दुकान से नमूना ले गए हैं। हमारे यहां नमूने में कोई कलर नहीं मिला। भुने चने में हल्दी लगाई जाती है। बिहार व अन्य जिलों से ट्रकों से मॉल आता है। इसमें रंग आदि का प्रयोग होता है। उस पर कोई रोक नहीं लगाई जाती। एक दो बोरी लाकर फुटकर बेचने वाले हैं, सिर्फ छोटे व्यापारियों को परेशान किया जाता है।
व्यापारी प्रिंसू गुप्ता ने बताया कि दबाव बनाने के लिए हमेशा अधिकारियों की ओर से नमूना लिया जाता है। परेशान और दबाव बनाने के लिए यह कार्रवाई होती है। कई अन्य व्यापारियों ने भी खाद्य सुरक्षा विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठाए।
छोटे व्यापारियों को जागरूक किया जा रहा
इस संबंध में खाद्य सुरक्षा सहायक आयुक्त सतीश शुक्ला ने कहा कि ठेला, खोमचा संग छोटे व्यापारियों को जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने दबाव बनाने आदि से इंकार किया। बताया कि गलत उत्पाद की बिक्री की रोकथाम को लेकर नमूना लिया जाता है।
