
अस्पताल में भर्ती आरोपी चंदन।
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हाईटेक होने का दंभ भरने वाली अमेठी पुलिस एक परिवार के कातिल चंदन की गिरफ्तारी में पूरी तरह फेल साबित हुई। लाव-लश्कर, उपकरण, संसाधन सब धरे रह गए। पुलिस सिर्फ यहां-वहां दबिशें देने में व्यस्त रही और एसटीएफ ने अपना काम कर दिया। एसटीएफ द्वारा चंदन की गिरफ्तारी होने के बाद अब पुलिस अपनी पीठ थपथपाती दिख रही है।
रायबरेली निवासी शिक्षक सुनील कुमार, उनकी पत्नी पूनम व दो बटियों की अमेठी के अहोरवा भवानी कस्बे में हत्या की घटना ने लोगों को हिला कर रख दिया। घटना के बाद कई तरह के कयास लगाए जाने लगे, कि आखिर पूरे परिवार का सफाया करने वाले कौन और कितने लोग होंगे। कुछ देर बाद पता चला कि शिक्षक की पत्नी ने रायबरेली के ही निवासी चंदन के खिलाफ छेड़खानी का केस कराया था। इसी को आधार मानकर पुलिस की कार्रवाई शुरू हुई। कुछ घंटों बाद ही स्थिति स्पष्ट हो गई थी, कि इस घटना में हत्यारोपी चंदन जरूर रहा होगा।
देर रात मृतक शिक्षक के पिता ने चंदन के खिलाफ ही केस दर्ज कर दिया। ऐसे में स्थितियां साफ होती गईं और पुलिस ने चंदन की तलाश शुरू की, लेकिन उसकी परछाई तक नहीं पहुंच पाई। घटना के बाद पुलिस के आईजी प्रवीण कुमार सहित कई आला अफसर भी पहुचे थे। एसपी अनूप सिंह ने पुलिस की पांच टीमें लगाई थीं। मुखबिरों को भी सक्रिय किया गया था।
इलेक्ट्रानिक माध्यमों की भी मदद ली गई। सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। एसपी स्वयं मामले की मॉनीटरिंग कर रहे थे। पुलिस ने चंदन की तलाश में पूरी ताकत झोंक दी, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। पुलिस इधर-उधर कयासबाजी कर रही थीं, तभी एसटीएफ ने यमुना एक्सप्रेस पर जेवर से चंदन को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस हाथ मलती रह गई। देर रात पुलिस ने दावा किया कि आरोपी पकड़ा गया। उसे एसपी कार्यालय लाकर वार्ता की गई। चंदन के पकड़े जाने के बाद पुलिस वाहवाही लूटने में जुट गई। पुलिस को इतना भी पता नहीं चला कि चंदन एसटीएफ के हांथ कैसे लगा है। एएसपी ने बताया कि चंदन तक एसटीएफ कैसे पहुंची, यह एसटीएफ ही बता सकती है।