
देर रात से लेकर सुबह तक होता रहा पोस्टमार्टम।
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जिले के शिवरतन गंज थाना क्षेत्र में बृहस्पतिवार की रात शिक्षक परिवार की हुई चार लोगों की सामूहिक हत्या के बाद चारों मृतकों का पोस्टमार्टम देर रात हुआ। दो चिकित्सकों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया। दोनों बच्चों के पोस्टमार्टम पहले किए गए। उसके बाद शिक्षक और उनकी पत्नी का पोस्टमार्टम हुआ। मौके पर सीओ सिटी व दो थानों की पुलिस मौजूद रही। इसके अलावा इलाके की भारी भीड़ मौजूद रही। बाकी तीन शवों का पोस्टमार्टम हो गया है। शिक्षक का पोस्टमार्टम हो रहा है। शिक्षक को तीन गोलियां लगी है। एक गोली उसके सीने में फंसी हुई है। वह निकल नहीं पाई तो उसका दोबारा एक्सरे कराया जा रहा है। अभी प्रक्रिया जारी है
पोस्टमार्टम से पहले कराया गया एक्स-रे
पोस्टमार्टम से पहले चारों मृतकों का एक्सरे कराया गया है। घटना के बाद चारों शव पोस्टमार्टम हाउस ले गए थे। यहां से पहले दोनों बच्चों का एक्सरे कराया गया। उसके बाद दंपति को एक्सरे के लिए भेजा गया है। इसके बाद पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू हुई।
तो सुनील की जान लेने को पीछे पड़े थे दुश्मन
शिक्षक व उसके परिवार की निर्मम हत्या के पीछे किसकी साजिश है और किन लोगों ने घटना अंजाम दी, यह पुख्ता तौर पर पुलिस के खुलासे के बाद ही सामने आएगा, लेकिन घटना को लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं। शिक्षक की पत्नी द्वारा रायबरेली में दर्ज कराए गए मुकदमें का मामला अभी तक घटना का मुख्य कारण माना जा रहा है। पुलिस भी अभी तक इसी पहलू को घटना की वजह मान रही है। बताते हैं कि चंदन इस परिवार को अक्सर परेशान करता था। मृतक के पिता ने भी कुछ लोगों के बारे में खुलासा करते हुए कहा कि कुछ लोग उनके बेटे को मारने के लिए ढूंढने गांव तक गए थे। आईजी प्रवीण कुमार ने बयान में कहा है कि घटना में इस परिवार के जानने वाले लोग शामिल हो सकते हैं। ऐसे में यह भी अटकलें लगाई जा रही है कि मामले में शिक्षक व उसकी पत्नी के करीबी या जानने वाले लोग भी हो सकते हैं। कुछ लोग मामले को प्रेम प्रसंग से भी जोड़ कर देख रहे हैं।
लखनऊ में घर बनाने का सपना रह गया अधूरा
शिक्षक सुनील कुमार भले ही गरीब परिवार से रहे हों, लेकिन उनके सपने बड़े थे। मेहनत की कमाई से वह लखनऊ में घर बनाना चाहते थे। एक साथी शिक्षक ने बताया कि सुनील ने लखनऊ में घर बनाने के लिए प्लाट भी देखा था। लखनऊ के सुल्तानपुर रोड पर उन्होंने जमीन देखकर तय कर ली थी। 12 लाख रुपये में प्लाट की डील हुई थी। नवरात्र में ही जमीन के बैनामे की तैयारी थी। लेकिन सुनील का यह सपना अधूरा रह गया।