
शिविर में आंगनबाड़ी कार्यकत्री
अमेठी। कुपोषण से जूझ रहे बच्चों के लिए एक अच्छी खबर है। अब उन्हें पूरक आहार के साथ ही विटामिन, आयरन की छह प्रकार की दवाएं दी जाएंगी। जिससे उन्हें कुपोषण से दूर किया जा सके। हर माह इन बच्चों का वजन करके उनका फालोअप किया जाएगा। इसका विवरण ई कवच पर अपलोड किया जाएगा। जिले में कुल 13 ब्लॉक है। यहां के 682 ग्राम पंचायतों में कुल एक लाख 62 हजार 767 बच्चे आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत है। इसमें से 1484 बच्चे अति कुपोषित व 6251 बच्चे कुपोषित है। इन बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए वैसे तो कई स्तर पर प्रयास किए जाते हैं लेकिन, अब एक नई व्यवस्था शुरू की गई है।
बाल विकास व स्वास्थ्य विभाग ने मिलकर इन बच्चों का विवरण ई कवच पर अपलोड कर रहा है। इसकी माटिरिंग सीडीओ सान्या छाबड़ा कर रही है। पोर्टल पर बच्चों का विवरण अपलोड होते ही अति कुपोषित बच्चों को अमोक्सीसीलीन की 200 टेबलेट, एल्बेंडाजॉल की 10, फॉलिक एसिड टेबलेट की 10 टेबलेट, विटामिन ए की एक बोतल सिरप, आइएफए सिरप की 10 बोतल व मल्टी विटामिन की 10 बोतल सिरप दी जाएगी। एएएम व सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी इसकी निगरानी करेंगी। इसके अलावा हर माह ऐसे बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा।
यह है समस्या
जिले में कुपोषण बच्चों के इलाज के लिए अलग से पोषण पुनर्वास केंद्र नहीं है। ऐसे में अगर कोई कुपोषित बच्चा गंभीर होता है तो उसे सुल्तानपुर या रायबरेली भेजना पड़ता है। हालांकि कई बार यहां पर पोषण पुनर्वास केंद्र स्थापित करने की मांग की गई।
क्या है वजह
जिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. लईकुज्जमा ने बताया कि स्तनपान न कराने से बच्चे अति कुपोषित हो जाते हैं। छह माह से ऊपर के बच्चों को समुचित आहार न मिलने की वजह से समस्या आती है। ऐसे में लोगों को जागरूक किया जाता है।
चलाया जा रहा अभियान
कुपोषण को समाप्त करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। सभी बच्चे के स्वास्थ्य पर नजर रखी जा रही है। अति कुपोषित बच्चों का विवरण ई कवच पाेर्टल पर अपलोड किया जा रहा है। साथ ही अब ऐसे बच्चों को छह प्रकार की दवाएं देने का भी प्रबंध किया गया है।
– संतोष कुमार श्रीवास्तव, जिला कार्यक्रम अधिकारी अमेठी
कुल आंगनबाड़ी केंद्र- 1,949
कुल पंजीकृत बच्चे- 16,2767
कुल गर्भवती-17,841
कुल अति कुपोषित- 1,484
कुल कुपोषित- 6,251