तिलोई/भादर(अमेठी)। सरकारी अस्पतालों में भर्ती होने वाली प्रसूताओं के भोजन पर लापरवाही की मार भारी पड़ी है। कैंटीन का अनुबंध समाप्त होने के बाद भोजन पर संकट खड़ा हो गया है। तिलोई में सीएचसी अधीक्षक अपने स्तर से प्रबंध करा रहे हैं, लेकिन, भादर में यह ठप है।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तिलोई में गर्भवती महिलाओं को जननी सुरक्षा योजना के तहत प्रसव के पहले व बाद अस्पताल में मिलने वाली जेएसएसके डाइट के तहत खानपान व जलपान के लिए परिसर में कैंटीन खोली गई थी। प्रसुताओं की सुबह शाम चाय, नाश्ता, दूध और भोजन आदि की व्यवस्था उपलब्ध कराई जाती थी। दो महीने से इस योजना पर ग्रहण लग गया है। जिसके कारण प्रसूताओं व तीमारदारों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा। अस्पताल में खानपान की व्यवस्था को संचालित करने वाली कार्यदायी संस्था का दो माह पहले 25 जुलाई को अनुबंध समाप्त हो चुका है।

कैंटीन का नया अनुबंध न होने से प्रसूताओं को चाय पानी आदि की व्यवस्था अस्पताल में खुद करनी पड़ रही। सीएचसी में मौजूद प्रसूता अहुरी निवासिनी शैलेश कुमारी, रस्तामऊ निवासिनी आशिया बानो, लोधवरिया निवासिनी रोली मिश्रा ने बताया कि जलपान की व्यवस्था हम लोगों को खुद करनी पड़ रही है। अधीक्षक द्वारा अस्पताल में दवा खाने से पहले दोपहर और शाम का खाना मिलता है। अधीक्षक डॉ. अभिषेक शुक्ला ने बताया कि जब तक नया टेंडर एलाट कर कैंटीन का संचालन नहीं होता तब तक प्रसूताओं की समस्याओं को देखते हुए भोजन की व्यवस्था कराई जा रही है। सीएमओ से पत्राचार किया गया है।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भादर में प्रसव के लिए भर्ती अमयेमाफी निवासी रेशमा का कहना है कि भोजन तो दूर एक कप चाय भी नहीं मिलता है। सवनगी निवासी ज्योति ने बताया कि भोजन नहीं मिलता है। घर से चाय व भोजन मंगाया जाता है। कल्याणपुर निवासी रुखसाना ने बताया कि वह जब से स्वास्थ्य केंद्र पर आई है भोजन नहीं मिला। सीएचसी अधीक्षक डॉ. अजय कुमार मिश्र का कहना है कि 25 जुलाई से प्रसूताओं को भोजन नहीं दिया जा रहा है। भोजन आपूर्ति किए जाने वाली फर्म का टेंडर समाप्त हो गया है। नए सिरे से टेंडर की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद पुनः नियमित भोजन दिया जाएगा।



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