
अमेठी में खुशी जताते कांग्रेसी
अमेठी। कभी गांधी परिवार का गढ़ रहे अमेठी में शुक्रवार की शाम कुछ अलग दिखी। वाराणसी में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय के राहुल गांधी के अमेठी से 2024 का चुनाव लड़ने के एलान के बाद से सियासत गरमा गई।
हर चौराहे पर बस यही चर्चा थी कि राहुल दोबारा आ रहे हैं। शुक्रवार को गौरीगंज स्थित कांग्रेस के केंद्रीय कार्यालय पर सन्नाटा था लेकिन, कार्यालय में मौजूद सिद्ध कुमार यादव का कहना था कि यह तो गांधी परिवार का गढ़ है। यहां का बच्चा-बच्चा गांधी परिवार से वाकिफ है। आगे बढ़ने पर ब्लॉक मोड़ के पास लक्ष्मण, पंकज व प्रभात के बीच राहुल को लेकर चर्चा चल रही थी। वह कह रहे थे कि अब राहुल के आने से यहां की लड़ाई रोमांचक होगी।
वहीं, पूर्व जिलाध्यक्ष योगेश मिश्र, जिला महामंत्री मीडिया प्रभारी अनिल सिंह, सेवादल के पूर्व अध्यक्ष नरसिंह बहादुर सिंह, धर्मेंद्र शुक्ला, युवा कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष शेषनाथ सिंह ने गौरीगंज कस्बे में जामो रोड पर एकत्र होकर मिठाई बांटी। कांग्रेसियों में उत्साह देखने को मिल रहा है। अनिल सिंह का कहना था कि कांग्रेसियों को भरोसा था कि राहुल यहां से ही लड़ेंगे लेकिन, विरोधी गलत प्रचार करने में लगे हुए थे।
कांग्रेस नेता अनुज तिवारी कहते हैं कि इस फैसले ने कांग्रेस के साथ ही आम लोगों के चेहरे पर खुशी ला दी है। जिलाध्यक्ष प्रदीप सिंघल कहते हैं कि यह तो पहले से ही हम सब जानते थे, अब उस पर मुहर लग गई है। इससे कांग्रेसियों में उत्साह है।
अमेठी का जन-जन कर रहा तैयारी
पूर्व एमएलसी दीपक सिंह का कहना है कि शुक्रवार को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने राहुल गांधी के अमेठी से चुनाव लड़ने की जो बात कही है, यहां का जन-जन पहले से ही उसकी तैयारी कर रहा है। अमेठी के लोग राहुल को अपना परिवार मानते हैं। दावा किया कि वायनाड का सांसद होते हुए भी राहुल गांधी अमेठी से उसी तरह से मुहब्बत करते हैं, जिस तरह से जब वह यहां के सांसद थे, तब करते थे। कहा कि अमेठी से राहुल गांधी का जुड़ाव लगातार है।
राहुल ने लगाई थी हैट्रिक
वर्ष 2004 में अमेठी से राहुल गांधी ने पहला जीत हासिल की थी। इसके बाद वर्ष 2009 में भी राहुल ने दोबारा जीत हासिल की। 2014 के संसदीय चुनाव में राहुल गांधी ने भाजपा उम्मीदवार स्मृति ईरानी को हराया था। हार के बाद भी स्मृति ईरानी को नरेन्द्र मोदी कैबिनेट में शामिल किया गया था। स्मृति ने 2014 की हार का बदला 2019 के चुनाव में ले लिया। इस चुनाव में भाजपा की स्मृति ईरानी ने कांग्रेस के राहुल गांधी को हराकर जीत हासिल की थी। इसके बाद से राहुल वापस अमेठी आएंगे या नहीं, इसको लेकर कयास लगाए जा रहे थे। शुक्रवार को तस्वीर साफ हो गई।