अमेठी। जिले की 30 पीएचसी पर रविवार को जनआरोग्य मेला आयोजित हुआ। मेले में अव्यवस्थाएं और औपचारिकताओं का आलम रहा कि स्टाल लगाने के बजाय आंगनबाड़ी कार्यकत्री पर्चा काटते दिखीं। कई जगहों पर कर्मियों का भी अभाव रहा। बारिश के चलते मेले में जुखाम, बुखार, डायरिया, त्वचा रोग के मरीजों की संख्या अधिक रही। गौरीगंज विकास खंड स्थित सैठा पीएचसी पर आयोजित जन आरोग्य मेले में प्रभारी डॉ. अनूप आर्या, डॉ. महेंद्र कनौजिया, फार्मासिस्ट अतुल सिंह, एएनएम सावित्री व मंसवीरा देवी, स्टाप नर्स खुशबू, निधि सिंह, प्रतिभा, एलए सूर्यभान कुशवाहा एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी जगदीश मौजूद मिले। एएनएम अर्चना अनुपस्थित मिली जबकि आंगबाड़ी कार्यकत्री सुमता देवी स्टॉल न लगाकर मरीजों का पंजीकरण पर्चा काट रही थी। चोट लगने के कारण आए एक युवक की पट्टी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने की। मरीजों ने बताया कि अस्पताल से दवाएं मिली हैं। अस्पताल में 12:30 बजे तक डॉ. अनूप आर्या ने 15 मरीज तो 12:35 बजे तक डॉ. महेंद्र ने 26 मरीजों को देखा था। होमियो पैथ में चिकित्सक नहीं थे। मौजूद फार्मासिस्ट अशोक शुक्ल ने दस मरीजों का परीक्षण कर दवा दी थी। मेले में 12: 35 बजे तक 44 मरीजों का पंजीकरण हुआ था।

शाहमऊ पीएचसी पर प्रभारी डॉ. अवधेश सिंह की अगुवाई में जन आरोग्य मेला आयोजित हुआ। यहां भी आंगन बाड़ी कार्यकत्री द्वारा स्टॉल नहीं लगाया गया था। मरीजों व तीमारदारों के लिए स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था नहीं थी। मेले में बारिश का मौसम होने के चलते मेले में जुखाम, बुखार, डायरिया, त्वचा रोग के मरीजों की संख्या अधिक रही।

सीएमओ ने किया पीएचसी ओदारी का निरीक्षण

ब्लॉक तिलोई स्थित पीएचसी ओदारी पर आयोजित मेले का निरीक्षण सीएमओ अंशुमान सिंह ने किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने मेले में आए मरीजों से बातकर व्यवस्थाओं आदि के संबंध में जानकारी ली। सीएमओ ने चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों को मरीजों के साथ अच्छा व्यवहार करने की नसीहत दी। साथ ही मरीजों को अस्पताल से बेहतर उपचार, दवाएं व सुविधा मुहैया कराने का निर्देश दिया।

2298 मरीजों का उपचार व 54 का बना गोल्डन कार्ड

जिले में 30 पीएचसी पर आयोजित जन आरोग्य मेला संपन्न कराने का लेकर 65 चिकित्सक व 266 पैरामेडिकल स्टाफ लगाया गया था। टीम ने मेले में कुल 2298 मरीजों का उपचार किया। वहीं 14 गंभीर मरीजों को रेफर किया गया। जिसमें 1003 महिला, 983 पुरुष व 312 बच्चे रहे। मेले में 54 लाभार्थियों का गोल्डन/ आयुष्मान कार्ड बनाया गया।



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