भादर (अमेठी)। रामगंज स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेले में गोल्डन कार्ड नहीं बन सका। दरअसल, यहां पर इसकी व्यवस्था न होने की बात कहकर चिकित्सकों ने अपना पीछा छुड़ा लिया। इसके कारण कार्ड बनवाने आए लोगों को वापस होना पड़ा।
बेलसौना निवासी सत्यम ने बताया कि आयुष्मान भारत के तहत गोल्डन कार्ड बनवाने आए थे, मौजूद चिकित्सा कर्मियों ने कहा कि कार्ड नहीं बन रहा है। इसी वजह से वापस जाना पड़ रहा है। प्रतापगंज निवासी विजय चौरसिया जन आरोग्य मेले में इलाज करवाने आए थे। गांठ में दर्द था, बताया की चिकित्सक ने जांचकर दवाई दी है। रामपुर की गर्भवती पुष्पा देवी ने बताया कि खून की जांचकर एएनएम ने चिकित्सक के परामर्श से आयरन गैस की दवाइयां देकर पौष्टिक भोजन लेने की सलाह दी है। अपरान्ह ढाई बजे मेले में आशा, आंगनबाड़ी कार्यकत्री नदारद रहीं।
डॉ. डीके गोस्वामी ने बताया कि यहां पर गोल्डन कार्ड की व्यवस्था नहीं है। फार्मासिस्ट डाॅ. विनोद सिंह, स्टॉफ नर्स रेखा यादव, एएनएम सुशीला यादव, एलटी अंजू आदि चिकित्सा कर्मी मौजूद रहे।
चर्म रोग के मरीज ज्यादा
– जायस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर आयोजित जन आरोग्य मेले में 120 मरीजों ने पहुंचकर परीक्षण कराया। डॉ. इस्तियाक ने बताया कि चर्म रोग व दमा के मरीज अधिक रहे। जेठू मवई पीएचसी में डॉ. पीतांबर कनौजिया ने 55 मरीजों का इलाज किया। बताया कि बदलते मौसम में वायरल के साथ ही अन्य बीमारियों के मरीज अधिक थे।
कराई गई जांच
– फुरसतगंज सीएचसी में आयुष्मान भव मेले में सबसे ज्यादा सर्दी जुकाम व बुखार के मरीज रहे। जिनका मेले में मौजूद लैब टेक्नीशियन आशीष चतुर्वेदी ने खून का सैंपल लेकर उनकी जांच की। मेले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से नेत्र परीक्षण, गैर संचारी रोग, संचारी रोग, परिवार नियोजन सहित सभी विभागों के काउंटर लगाए गए थे। अधीक्षक डॉ एच पी यादव, डॉ सहनाज़, निरंजन सहित अन्य मौजूद थे। शाहगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर मेले में मरीजों का इलाज चिकित्सकों की टीम ने किया।
तीन हजार मरीजों का हुआ इलाज
स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी वीके सरोज ने दावा किया है कि जिले में आयोजित मेले में तीन हजार मरीजों का इलाज किया गया। इसमें से 13 को रेफर किया गया। सबसे ज्यादा 278 मरीज बुखार, 250 गैस, 269 डायबिटीज, 271 चर्म रोग, 245 हाइपर टेंशन के मरीज मिले। 113 गोल्डन कार्ड भी बनाए गए।