संवाद न्यूज एजेंसी, अमेठी

Updated Tue, 16 May 2023 12:35 AM IST

सिंहपुर (अमेठी)। उड़द और मूंग की फसल में शुरुआती दौर में ही रोग लगने से किसान परेशान हैं। उड़द की फसल में येलो मोजेक तो मूंग में सूड़ी कीड़े से फसल को बचाने के लिए किसानों को दवाओं का छिड़काव करना पड़ रहा है। रोग के चलते मूंग और उड़द की फसल पर लागत अधिक बढ़ सकती है।

क्षेत्र में आलू व सरसों की फसल के बाद खाली पड़े खेतों में अधिकांश किसानों ने जायद की फसल के रूप में मूंग व उड़द की फसल की बोआई कर दी है। यह फसल करीब 70 से 80 दिन के अंदर तैयार हो जाती है। मूंग व उड़द की फसल किसान अतिरिक्त मुनाफे के रूप में पैदा कर लेते हैं। एक से दो सिंचाई में फसल तैयार हो जाती है।

आलू की फसल की खोदाई के बाद तथा सरसों की फसल की कटाई के बाद उन खेतों में कुछ और नहीं बोया जा सकता है। क्षेत्र में अधिकांश किसानों ने उरद और मूंग के फसल की बोआई की है। इस समय मूंग व उड़द की फसल किसानों के खेतों में करीब 40 से 50 दिन के करीब हो गई है। इस बार मूंग की फसल उगने के साथ ही उसमें सूड़ी कीड़ा लगा है। उड़द की फसल में येलो मोजेक रोग लगा है जिससे मूंग व उड़द की फसल बोने वाले किसान परेशान हैं। मूंग के पौधे में सूड़ी सुबह व रात के समय पौधे से लिपटकर उनकी पत्तियां खाकर उसे नष्ट कर रही है। इससे पौधा नष्ट हो रहा है। वहीं उड़द में पत्तियां पीली पड़ गई हैं जिससे फूल नहीं आए हैं।

ऐसे बचाया जा सकता है फसल को

सिंहपुर राजकीय कृषि बीज भंडार प्रभारी डॉ. पवन वर्मा ने बताया कि उड़द की फसल में लगे येलो मोजेक रोग पर काबू पाने के लिए डायनिकफ्लेरेट ईसीजी दवा एक लीटर प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 500 से 600 लीटर पानी का घोल बनाकर फसल में छिड़काव करें। इससे रोग पर नियंत्रण हो सकेगा। मूंग की फसल में कीटनाशक के छिड़काव से लाभ मिलेगा।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *