पारा चढ़ने के साथ बुखार, पेट दर्द, उल्टी-दस्त के मरीज बढ़े

संवाद न्यूज एजेंसी

गौरीगंज (अमेठी)। पारा चढ़ने के साथ ही मौसमी बीमारियों का प्रकोप भी बढ़ता जा रहा है। संयुक्त जिला चिकित्सालय, सीएचसी-पीएचसी और निजी अस्पतालों में पेट दर्द, उल्टी-दस्त, खांसी, सर्दी व जुकाम तथा बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ रही है।

संयुक्त जिला अस्पताल की ओपीडी में भारी भीड़ जुटने से डाॅक्टरों को दिखाने और काउंटर से दवा पाने में मरीजों व तीमारदारों को तमाम परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। सामान्य तौर पर 450 के करीब मरीज ओपीडी में आते हैं, लेकिन शनिवार को 615 मरीज अस्पताल पहुंचे। इनमें तमाम पेट दर्द के साथ मौसमी बुखार, जुकाम, खांसी व उल्टी-दस्त से पीड़ित थे। फिजीशियन कक्ष, बाल रोग विशेषज्ञ तथा सर्जन कक्ष के बाहर मरीजों की लंबी लाइन लगी रही। इंजेक्शन कक्ष, पर्चा काउंटर व दवा वितरण कक्ष के बाहर भी काफी तादाद में मरीज अपनी बारी का इंतजार करते लाइन में लगे दिखे।

घर पहुंचने पर तत्काल न पिएं पानी

फिजीशियन डॉ. शुभम पांडेय ने बताया कि सावधानी बरतकर ही मौसमी बीमारियों से बचा जा सकता है। तापमान में वृद्घि हो रही है। इसका स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। घर से बाहर निकलते समय पानी पीकर निकलें। नींबू पानी लेते रहें। कड़ी धूप से घर पहुंचने पर तत्काल पानी न पिएं। कुछ देर आराम से बैठने के बाद ही पानी पिएं।

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ढीले कपड़े पहनें, ताजा भोजन करें

बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. लईक-उल-जमा ने कहा कि शरीर को ढकें और पानी पीकर ही घर से निकलें। हल्के, ढीले-ढाले सूती वस्त्र पहनें ताकि शरीर तक हवा पहुंचती रहे। शुद्ध और ताजा भोजन ही करें। खुले में रखे खाद्य पदार्थों के सेवन से दूर रहें। जरूरत के अनुसार धूप के चश्मे लगा सकते हैं। संतरा व नींबू सहित अन्य रसवाले फलों का अधिक सेवन करना चाहिए।

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खुद न लें दवा

फिजिशियन डॉ. अमित यादव ने बताया कि तापमान बढ़ने से पाचन और त्वचा संबंधी समस्याओं के साथ ही मौसमी फ्लू और संक्रमण, हीट स्ट्रोक, डायरिया, उल्टी, टाइफाइड, वायरल फीवर, आंखों का लाल होना, चक्कर आना, सिर में तेज दर्द की समस्या आम है। परेशानी होने पर खुद दवा न लें। अस्पताल में उपचार कराना चाहिए।

वर्जन

उपचार की है समुचित व्यवस्था

लगातार गर्मी बढ़ने से जिला अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ी है। अस्पताल में दवाओं के साथ मरीजों की जांच व उपचार की समुचित व्यवस्था करते हुए नियमित निगरानी की जा रही है। मरीजों परेशानी न हो इसके लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। -बद्री प्रसाद अग्रवाल] सीएमएस



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