Employees are in a mood to fight, will go to court

संजय गांधी अस्पताल

अमेठी। संजय गांधी अस्पताल बंद होने के बाद वहां तैनात 400 से अधिक कर्मचारी अपना रोजगार और नौकरी बचाने के लिए आर-पार की लड़ाई लड़ने को तैयार हैं। अस्पताल कर्मचारी संघ के अध्यक्ष संजय सिंह ने कहा कि 400 कर्मचारियों को बेरोजगारी से बचने के लिए आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी। आंदोलन के साथ ही न्यायालय की शरण ली जाएगी।

अस्पताल कर्मचारी अरविंद श्रीवास्तव ने कहा कि दूसरों को बचाने वाले कर्मचारियों के रोजगार पर ही संकट छा गया है। विनोद कुमारी सिंह ने कहा अस्पताल बंद होने से जहां हम लोग बेरोजगार हो गए हैं वहीं परिवार के भरण पोषण का संकट छा गया है। मामले की जांच होनी चाहिए। अस्पताल को बंद किया जाना गलत है इसका संचालन होना चाहिए। मंजू और गुड्डी रानी ने कहा कि अस्पताल में तैनात सभी कर्मचारी परेशान हैं।

सोशल मीडिया पर चल रही बहस

अमेठी। संजय गांधी अस्पताल पर कार्रवाई होने के बाद सोशल मीडिया पर इन समय तर्क और कुतर्क चल रहे हैं। विभिन्न पार्टियों के नेताओं का ट्वीट लगातार चल रहा है तो वहीं अस्पताल में इलाज कर रहे मरीज के तीमारदार भी सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं। सभी अपना पक्ष और विपक्ष में तर्क दे रहे हैं। किसी किसी प्लेटफार्म पर तो जुबानी जंग इतनी बढ़ जाती है कि लोगों को बीच में आना पड़ता है। हा

26 सितंबर से सत्याग्रह आंदोलन

अमेठी। ज्वाइंट फोरम ऑफ डाॅक्टर्स पैरामेडिकल स्टॉफ एवं कान्ट्रैक्ट वर्कर्स ऑफ संजय गांधी अस्पताल के बैनर तले शनिवार को एक बैठक हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि अस्पताल का निलंबन होने के कारण सैकड़ों कर्मचारी एवं डाॅक्टर्स बेरोजगार हो गये हैं। इसका सीधा प्रभाव उनकी आर्थिक स्थिति पर पड़ रहा है। उनके समक्ष संघर्ष के अतिरिक्त कोई रास्ता व विकल्प नहीं बचता है। सभी डाॅक्टर्स व कर्मचारीगण व पैरामेडिकल स्टॉफ तथा कान्ट्रैक्ट वर्कर्स संयुक्त रूप से अस्पताल का निलंबन बहाल होने तक लोकतांत्रिक ढंग से संघर्ष जारी करेंगे। 26 सितंबर से सत्याग्रह अनशन शुरू किया जाएगा।



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