अमेठी। बुढ़ापे का सहारा बनी वृद्धावस्था पेंशन अब कागजी फेर में फंस गई है। पीएफएमएस (सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली) में आवेदन निरस्त होने से 2,787 बुजुर्गों की पेंशन फंस गई है। जबकि अन्य बुजुर्गों की पेंशन को खाते में भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसमें एक सप्ताह का समय लग सकता है। वैसे पेंशनर अभी भी दफ्तरों का चक्कर काटने के लिए विवश हो रहे हैं।

जिले में वृद्धावस्था पेंशन के कुल 144052 आवेदन आए। इसमें से बीडीओ व एसडीएम के स्तर से 1,11,252 का सत्यापन किया गया। इसमें 6696 आवेदन निरस्त हो गए, जबकि 1751 आवेदन लंबित है। 1035 आवेदनों की जांच में वह बिना आधार के मिले। जिला समाज कल्याण अधिकारी के स्तर से हुई जांच में एक लाख सात हजार 679 आवेदनों को सत्यापित किया गया। यहां पर 210 निरस्त हो गए। 2573 आवेदन आधार के कारण लंबित मिले।

पीएफएमएस में एक लाख एक हजार 395 पेंशन को सत्यापित कर दिया गया। 2787 पेंशन के पीएफएमएस को विभिन्न कारणों से निरस्त कर दिया गया। 2620 पीएफएमएस सत्यापन के कारण लंबित है। कुछ के खातों का मिलान नहीं हो रहा है तो कुछ में खाता संशोधन कराने की प्रक्रिया गतिमान है।

जिला समाज कल्याण अधिकारी आरके शर्मा ने बताया है कि समाज कल्याण निदेशालय लखनऊ से वृद्धावस्था पेंशन की धनराशि आधार बेस्ड बैंक खातों में पीएफएमएस प्रणाली के माध्यम से प्रेषित की जा रही है।बताया कि उक्त पेंशन की धनराशि पेंशनरों द्वारा संचालित बैंक खातों (अंतिम बार आधार लिंक कराए गए खाते) में भेजी जा रही है।

पेंशन ही सहारा, वह भी समय से नहीं मिल रही

विकास भवन पेंशन के बारे में पता करने आए जामो रामपुर चौधरी के बद्री सिंह का कहना है कि बुढ़ापे का सहारा पेंशन ही है, यह भी समय से नहीं मिल रहा है। क्या करें, कुछ समझ में नहीं आ रहा है। पूरब श्याम लाल द्विवेदी का कहना है कि अप्रैल से पेंशन नहीं मिली है। इससे कामकाज प्रभावित हो रहा है। कहाकि सरकारी तंत्र को समय से पेंशन भुगतान की व्यवस्था करनी चाहिए।



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