Court set up in village, 130 cases settled on the ground

चकबंदी के लिए गांव में लगी अदालत

अमेठी। चकबंदी विभाग में लंबित वादों की सुनवाई में लोगों को सहूलियत देने के लिए बुधवार को मऊ गांव में ओपन कोर्ट लगाई गई। कोर्ट में लंबित 168 वादों की सुनवाई हुई। इस दौरान अफसरों ने 130 वादों का निस्तारण किया। इधर, गांव में बिना किसी झंझट सीधे सुनवाई होने व फैसला होने से लोगों ने राहत महसूस किया। छोटे-छोटे जोत एकत्र कर किसानों को खेती-किसानी में सुविधा देने तथा चकमार्ग समेत अन्य के लिए भूमि सुरक्षित करने को चकबंदी प्रक्रिया की जाती है। वर्तमान में कई गांवों में चकबंदी प्रक्रिया चल रही है। चकबंदी के दौरान विभिन्न प्रकार के वाद अदालतों में लंबित है। किसानों को अदालत की परिक्रमा करनी पड़ रही है।

चकबंदी न्यायालयों में विचाराधीन वादों के त्वरित निस्तारण के लिए वादकारियों के हित के दृष्टिगत बुधवार को गौरीगंज तहसील के मऊ गांव में ग्राम अदालत लगाई गई। ग्राम अदालत में चिन्हित मऊ गांव से संबंधित 168 वाद सुनवाई के लिए लगाए गए थे। बंदोबस्त अधिकारी चकबन्दी केलकर सिंह के साथ चकबंदी अधिकारी विनय रंजन व एसीओ अविनाश पांडेय ने लेखपाल व राजस्व निरीक्षक तथा पेशकार के साथ अदालत लगाई। अफसरों ने 130 वादों का निस्तारण किया। शेष वाद की सुनवाई के लिए अगली तिथि नियत की गई।

बन्दोबस्त अधिकारी चकबन्दी ने बताया कि समस्त चकबन्दी न्यायालयों में विचाराधीन वादों के त्वरित निस्तारण हेतु वादकारियों के हित के दृष्टिगत किसी ग्राम से संबंधित आपत्ति/अपील/निगरानी को सुनवाई के लिए चिन्हित कर ग्राम अदालतों का आयोजित किया जा रहा है। बताया कि एक ग्राम में सहायक चकबंदी अधिकारी से लेकर उप संचालक चकबंदी स्तर तक जोत चकबंदी अधिनियम-1953 के अन्तर्गत तय किये जाने वाले सभी वादों की सूची तैयार की गई। बताया कि मऊ के बाद 14 सितंबर तहसील अमेठी के ग्राम भागीपुर एवं 20 सितम्बर को तहसील मुसाफिरखाना के ग्राम काजीपुर में ओपन कोर्ट लगेगी।

मिला गांव में न्याय

मऊ गांव ओपेन कोर्ट लगने से पूरे खुशहाल का पुरवा मजरे मऊ गांव निवासी लाल मोहम्मद ने बताया कि गांव में सुनवाई से तहसील के चक्कर लगाने से निजात मिली। गांव में ही उसके वाद का निस्तारण हो गया।

गांव निवासी जगदीश प्रसाद तिवारी ने ओपन कोर्ट कार्यक्रम की प्रसन्ना करते हुए कहा कि हम तो पहली बार चकबंदी देख रहे है लेकिन इ कार बहुत अच्छा होत आहै।

अवधेश कुमार सिंह ने बताया कि गांव में सुनवाई होने से किसानों की परेशानी दूर हुई तो सुलभ न्याय मिला। देवेंद्र सिंह ने कहा कि आपसी बंटवारे के लिए अदालत लगी है जहां सहमति है उसका निस्तारण हो रहा है। अदालत से राहत मिली।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *