तिलोई(अमेठी)। मोहनगंज पुलिस ने एक नाबालिग छात्र का गुंडा एक्ट (धारा 110 जी) में चालान कर दिया। एसडीएम ने जमानत पर छात्र को रिहा कर दिया है। पीड़ित ने पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए राज्यमंत्री समेत अफसरों ने जांच की मांग की है।

थानाक्षेत्र के देवकली गांव में रिश्तेदारी आया एक नाबालिग 27 अगस्त को अमरूद के बाग की रखवाली कर रहा था। इस दौरान गांव के ही कुछ लोग बाग में आए और अमरूद तोड़ने लगे। विरोध पर मारपीट की। नाबालिग किसी तरह चंगुल से बचकर निकला और सारी बात अपने रिश्तेदार को बताई।

आरोप है कि रिश्तेदार ने जाकर कारण पूछा तो आरोपियों ने उसकी भी पिटाई कर दी। मामला थाने पहुंचा तो पुलिस ने केस दर्ज कर लिया। पीड़ित ने आरोप लगाया है कि केस दर्ज करने के बाद पुलिस सुलह का दबाव बनाने लगी। नाबालिग के परिजन ने एसपी से शिकायत की। इससे चिढ़ी मोहनगंज पुलिस ने नाबालिग व उसके रिश्तेदार पर 110 जी के तहत कार्रवाई करते हुए चालान की रिपोर्ट एसडीएम तिलोई कोर्ट भेजी।

रिपोर्ट पर एसडीएम दिग्विजय सिंह ने 20 अक्तूबर को धारा 110 जी के तहत पाबंद कर आठ नवंबर को एक-एक लाख रुपये के दो जमानतदार दाखिल करने का फरमान जारी कर दिया। अब पीड़ित पुलिस की कार्रवाई से परेशान है।

अपना कॅरिअर बर्बाद होता देख नाबालिग छात्र ने क्षेत्रीय विधायक व सूबे के राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने गुहार लगाई है। एसएचओ धीरेंद्र कुमार यादव ने बताया कि आरोप पत्र में उम्र 18 साल होने के तहत पाबंद करने की रिपोर्ट भेजी गई है। यदि छात्र नाबालिग है तो प्रकरण की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।



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