
लखनऊ में आत्मदाह की कोशिश करता अमेठी के लखनीपुर का परिवार।
बाजार शुकुल(अमेठी)। लखनीपुर गांव के लोगों के बुधवार को सीएम आवास के समक्ष आत्मदाह की कोशिश के मामले ने तूल पकड़ लिया है। शासन ने पूरे प्रकरण की रिपोर्ट तलब की है। इधर, गांव में पुलिस तैनात कर दी गई है। अफसरों ने तेजी दिखाते हुए पीड़ितों से संपर्क साधा है। पीड़ितों ने अफसरों के समक्ष कागजात प्रस्तुत करने की बात कही है।
मुख्यमंत्री आवास के समक्ष आत्मदाह का प्रयास करने के बाद लखनीपुर गांव के परीदीन का कहना है कि उसे उजाड़ा जा रहा है। उन्हें उनकी पुश्तैनी जमीन से हटाने की कोशिश की जा रही है। स्थानीय स्तर पर कोई नहीं सुन रहा था। इससे आजिज आकर वह लोग आत्मदाह करने को बाध्य हुए। कई बार अफसरों के पास गए लेकिन कोई नहीं सुन रहा है। कहा कि उनकी जमीन की पैमाइश सही तरीके से नहीं की जा रही है। आरोप है कि गलत तरीके से पैमाइश की जा रही है।
गांव में मिली उनकी पत्नी कलावती का कहना है कि घर के सभी लोग लखनऊ गए हैं। हमें हमारी जमीन से निकाला जा रहा है, हम कहां जाएं। लेखपाल मीरा मिश्रा ने बताया कि भूमि की पैमाइश कर दी गई है। पैमाइश में भी भूमि लोक निर्माण विभाग है। कब्जे को हटाने के लिए कब्जेदारों को नोटिस भी दी गई थी। इस भूमि पर से कब्जा नहीं हटा है।
कार्रवाई के लिए उप जिलाधिकारी की ओर से आदेश भी जारी किया गया है। इधर, बुधवार को लखनऊ में हुए हंगामे के बाद लखनीपुर गांव में विवादित स्थल पर पुलिस तैनात कर दी गई। थानाध्यक्ष बाजारशुकुल तरुण पटेल ने बताया कि लखनीपुर गांव में लोक निर्माण विभाग की जमीन पर कब्जे से जुड़ा यह मामला है। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस लगा दी गई है।
भूमि विवाद का यह पूरा मामला
बाजारशुकुल (अमेठी)। स्थानीय थाना क्षेत्र के लखनीपुर गांव के अधिवक्ता संजय कुमार ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की थी। एक साल पहले उच्च न्यायालय ने लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता अमेठी को कब्जा की गई भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए दो माह का समय दिया गया था। विभागीय कार्रवाई नहीं करने पर याचिकाकर्ता ने दोबारा याचिका दाखिल की थी। बीते शनिवार को पीडब्ल्यूडी के अधिकारी- कर्मचारी लखनीपुर गांव में मौके पर गए थे।
जिम्मेदार के बोल
जिन लोगों ने आत्मदाह का प्रयास किया है, वह लोक निर्माण विभाग की जमीन पर छप्पर डालकर रह रहे हैं। उसे हटाने की कार्रवाई जब की गई तो उन लोगों ने अपनी पुश्तैनी जमीन की पैमाइश कराने को कहा। दो बार उसकी पैमाइश कराई गई। वह मानने को तैयार नहीं है। बुधवार को उनसे बात की गई है। उन लोगों ने कुछ प्रपत्र दिखाने को कहा है, इस पर उन्हें कागजात के साथ बुलाया गया है। शासन को पूरे प्रकरण से अवगत करा दिया गया है।
-सविता यादव, एसडीएम मुसाफिरखाना