अमेठी। बेनीपुर गांव में स्थित 50 शैय्या एकीकृत आयुष चिकित्सालय की सुविधाएं बीमार हैं। यहां पर जांच के लिए मशीनें हैं, लेकिन रसायन नहीं है। चिकित्सक होने के बाद भी दवाओं का संकट है। ऐसे में मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

आयुर्वेदिक, यूनानी, होम्योपैथिक, पंचकर्म, प्राकृतिक पैथी, योगा सिद्धा आदि विधाओं को पुनर्जीवित करते हुए बेनीपुर में 7.25 करोड़ रुपये की लागत से 50 शैय्या एकीकृत आयुष चिकित्सालय संचालित है। 13 दिसंबर 2021 से अस्पताल का संचालन शुरू होने के बाद भी संसाधनों का अभाव है। आयुर्वेद में सिर्फ सांस, पेट, मधुमेह की दवाएं, गठिया के लिए तेल और यूनानी विधा में बवासीर, गुर्दा और डायबिटीज की ही दवाएं हैं। वहीं, होम्योपैथिक विधा में दवाई तो पर्याप्त हैं लेकिन, मरीज को दवा देने के लिए ड्रम नहीं हैं।

एकीकृत आयुष हॉस्पिटल में पैथोलॉजी लैब है। यहां एलटी अंकित कुमार तैनात हैं। अस्पताल की लैब में जांच के लिए मशीनें तो हैं लेकिन, जांच के लिए रसायन, कार्ड, किट नहीं हैं। ऐसे में मरीजों की जांच नहीं हो पा रही है। होम्योपैथ, यूनानी, आयुर्वेदिक योगा सिद्ध, फिजियोथेरेपी और पंचकर्म के माध्यम से मरीजों का इलाज संसाधन के अभाव में ही किया जा रहा है।

अस्पताल के नोडल व प्रभारी इंचार्ज डॉ. शिवेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि दवाओं और पैथोलॉजी आदि के सामानों के संबंध में पत्राचार किया गया है।

यह भी है दिक्कत

– ऑपरेशन थिएटर का आंशिक रूप से इन्स्टॉलेशन कराकर ऑपरेशन किया जा रहा है। लेकिन, विद्युत व्यवस्था सही नहीं होने से समस्या आ रही है।

– अस्पताल ग्रामीण क्षेत्र में होने के चलते ओपीडी के समय अस्पताल में बमुश्किल कुछ घंटे विद्युत आपूर्ति मिल पाती है। ऐसे में समस्या आ रही है।

– यहां पर बिजली व पीने के पानी की भी समस्या है। परिसर में आरओ व वॉटर कूलर नहीं है।

प्रतिदिन डेढ़ सौ से 200 मरीजों की होती है ओपीडी

अमेठी। एकीकृत आयुष अस्पताल में ओपीडी सुबह दस बजे से चार बजे तक चलती है। इसके बाद चार से आठ बजे और शाम आठ से सुबह आठ बजे तक इमरजेंसी सेवा होती है। सभी विधाओं को मिलाकर प्रतिदिन सीमित संसाधनों के बीच भी 150 से 200 मरीज की ओपीडी हो रही है। अस्पताल में तैनात चिकित्सकों की ओर से अब तक हाइड्रोसील व बवासीर के 10 मरीजों का ऑपरेशन किया गया है।

एक स्वीपर के भरोसे सफाई व्यवस्था

एकीकृत आयुष अस्पताल के तीन मंजिला इमारत की साफ-सफाई के लिए स्वीपर की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। मात्र एक स्वीपर की तैनाती है। पर्याप्त स्वीपर की तैनाती न होने के चलते सफाई नहीं हो पा रही है।

सीएमएस विहीन है अस्पताल

एकीकृत आयुष अस्पताल सीएमएस विहीन है। यहां तैनात रहे सीएमएस डॉ. फारुख नूरी का स्थानांतरण हुए दो माह से अधिक समय हो गया है। सीएमएस की तैनाती न होने से कई कार्य बाधित होते हैं।

बढ़ाई जाएं सुविधाएं

अस्पताल में इलाज कराने आए पूरे स्वयंवर गांव निवासी सुरेंद्र सिंह ने बताया कि उन्हें गठिया रोग है। यहां से इलाज करा रहे हैं, फायदा भी है। लेकिन दवाएं अस्पताल में से नहीं मिल पा रही हैं। सिर्फ पंचकर्म कर रहे हैं। नरैनी निवासी राजेश सिंह ने बताया कि अस्पताल में व्यवस्थाएं तो ठीक हैं लेकिन, विद्युत व्यवस्था पूरी तरह बदहाल है। आयुर्वेदिक दवाई नहीं मिल पा रही है। दो हफ्ते से वह पंचकर्म कर रहे हैं। भेटुआ से आईं रेखा शुक्ला ने बताया कि गठिया रोग से पीड़ित हैं। कई दवाएं अस्पताल में नहीं हैं, चिकित्सकों ने पंचकर्म कराने के लिए कहा है लेकिन, बिजली नहीं होने से इंतजार करना पड़ रहा है।

जल्द दुरुस्त होंगी व्यवस्थाएं

क्षेत्रीय यूनानी अधिकारी डॉ. अनीता गुप्ता ने बताया कि सीएमएस की नियुक्ति के संबंध में पत्राचार किया गया है। बताया कि अस्पताल में दवाएं कम हैं। जेनरेटर में तेल का बजट नहीं मिल पा रहा है। इसके संबंध में शासन को पत्राचार किया जा रहा है। जल्द ही व्यवस्थाएं दुरुस्त करने का प्रयास होगा।



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