अमेठी। ब्लॉक संग्रामपुर के ठेंगहा गांव में मृतक प्रमाण पत्र बनवाकर वरासत किए जाने के मामला गरमा गया है। राजस्व निरीक्षक के वरासत संबंधी आदेश को निरस्त करके खतौनी में दर्ज कर दिया है। वहीं, डीएम राकेश कुमार मिश्र के आदेश पर मामले की जांच कर रहे एसडीएम ने गांव व तहसील पहुंचकर लोगों के बयान दर्ज किए हैं।

मृतक प्रमाणपत्र जारी करने वाले कर्मचारियों की भूमिका की तलाश की जा रही है।

थाना क्षेत्र संग्रामपुर के गांव ठेंगहा निवासी सूर्य प्रकाश ओझा की पत्नी शशि ने बीते दो दिन पूर्व तहसील में प्रदर्शन किया था। आरोप लगाया था कि उसके नाम दर्ज भूमि को पति द्वारा मृतक दिखाकर उसके नाबालिग बेटे के नाम वरासत करा दी गई है। फर्जी तरीके से मृत्यु प्रमाणपत्र बनवा कर गलत वरासत किए जाने की जानकारी तहसील से नकल निकलवाने के बाद हुई।

तहसील में पीड़िता के प्रदर्शन के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया। तत्काल मामले की जांच शुरू हुई। नायब तहसीलदार श्रीश मिश्र ने बताया कि राजस्व निरीक्षक के आदेश पर हुई वरासत के आदेश को निरस्त कर दिया गया है। इसे खतौनी में अंकित कर दिया गया है। दोनों पक्षों को नोटिस जारी की जा रही है। डीएम के आदेश पर डिप्टी कलेक्टर रामकेवल त्रिपाठी ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

शनिवार को जांच अधिकारी ने तहसील में वरासत बैनामा आदि अभिलेखों की पड़ताल की। संबंधित कर्मियों की भूमिका की जांच के साथ जांच अधिकारी ने शनिवार को गांव पहुंचकर लोगों का बयान लिए। इसके साथ ही मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के संबंध में ग्राम पंचायत सचिव के भूमिका की जांच की। एसडीएम प्रीति तिवारी ने बताया कि वरासत के मामले में जांच की जा रही है। बताया कि लेखपाल ने मृत्यु प्रमाण पत्र वह ऑनलाइन आवेदन के आधार पर वरासत की थी।

संबंधित ग्राम पंचायत सचिव एवं अन्य बिंदुओं पर नामित डिप्टी कलेक्टर की ओर से गांव में जांच की जा रही है। एसडीएम ने जांच रिपोर्ट बताने से इंकार करते हुए कहा कि रिपोर्ट डीएम को सौंपी जाएगी, जहां से नियमानुसार दोषियों पर कार्रवाई होगी।



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