
ऑपरेशन के बाद बुजुर्ग को चलवाते डॉक्टर व स्टाफ
अमेठी। असैदापुर स्थित संयुक्त जिला अस्पताल में पहली बार 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला के कूल्हे का ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन के तीन दिन बाद वृद्धा बिना दर्द के आराम से चल रही हैं। इधर, स्वास्थ्य अधिकारियों ने चिकित्सक को बधाई दी है।
शाहगढ़ ब्लॉक के गांव दुर्जगढ़ निवासी फूलकली (70) अक्तूबर माह में गिरने से कूल्हा टूट गया था। आर्थिक रूप से कमजोर बेटे और बहू ने पीड़ित फूलकली को लेकर निजी हॉस्पिटल गए। लेकिन इलाज महंगा होने से जिला अस्पताल लेकर आए। जिला अस्पताल में तैनात ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. राजीव शुक्ल ने बुजुर्ग महिला मरीज फूलकली को देखा। एक्स-रे व अन्य जांच हुई तो उनका कूल्हे की हड्डी टूटी थी। साथ ही शुगर की भी मरीज थी। शुगर सामान्य होने पर 25 नवंबर को फूलकली के कूल्हे की हड्डी का ऑपरेशन किया।
ऑपरेशन होने के तीसरे दिन मरीज को चिकित्सकों की टीम ने वाकर के माध्यम से चलाया। वृद्धा वाॅकर के माध्यम से खुद चल रही है। ऑपरेशन के दौरान डॉ. राजीव शुक्ला के साथ आपरेशन थियेटर और नर्सिंग स्टाॅफ की टीम का भरपूर सहयोग रहा। मरीज फूलकली ने बताया कि आर्थिक परेशानी एवं इलाज महंगा होने के कारण वह ऑपरेशन की आस छोड़ चुकी थी। अब वह अपने पैरों पर चल रही हैं और उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं है।
शुगर मरीज होने के कारण कुछ थी परेशानी
डॉ राजीव शुक्ला ने बताया कि मरीज की उम्र भी अधिक थी। वह शुगर की मरीज भी थी। दरअसल, शुगर के मरीजों में ऑपरेशन के समय दिक्कत होती है। हालांकि भर्ती करने के बाद शुगर नार्मल हुआ। इसके बाद जिला अस्पताल में पहला कूल्हे का ऑपरेशन किया गया है। मरीज अब पूरी तरह स्वस्थ है। तीसरे दिन से चल रहीं हैं।
बाइपोलर इंप्लांट से फायदा
डॉ राजीव शुक्ला ने बताया कि बाय पोलर इंप्लांट डालने से मरीज को परेशानी नहीं होती। बताया कि इस विधि में जहां दर्द नाम मात्र का रहता है, वहीं चलने में कोई दिक्कत नहीं महसूस होती है।
प्राइवेट अस्पताल में करीब 50 हजार रुपए आता है खर्च
– मरीज की मानें तो प्राइवेट अस्पताल में इस ऑपरेशन के लिए करीब 50 हजार रुपए तक खर्च आ रहा था। ऐसे में सरकारी अस्पताल में इलाज से काफी सहूलियत मिली।
और बेहतर करने का होगा प्रयास जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. बद्री प्रसाद अग्रवाल ने बताया कि जिला अस्पताल में पहला कूल्हे का ऑपरेशन हुआ है। मरीजों को बेहतर सुविधा देने का प्रयास किया जा रहा है। हमारा पूरा प्रयास होगा कि मरीजों को इलाज के लिए परेशान न होना पड़े।