अमेठी। जामो थानाक्षेत्र के मठिया मजरे कटारी गांव में बुधवार शाम ट्रांसफार्मर चढ़ाते समय श्रमिक की हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से मौत हो गई। घटना से नाराज परिजनों व ग्रामीणों ने लखनऊ-वाराणसी हाईवे पर कनकूपुर मोड़ पर शव रखकर जाम लगा दिया। पुलिस और ग्रामीणों के बीच कई बार तकरार की नौबत तक आई।
बाद में पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर करीब एक घंटे बाद हाईवे से जाम हटवाया। ग्रामीणों ने बिजली विभाग के एक कर्मी पर गंभीर आरोप लगाते हुए केस दर्ज करने व पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा व एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की है।
परिजन आशु का कहना है कि जामो थानाक्षेत्र के दतनका पुरवा रिछौरा मजरे कटारी गांव निवासी अरविंद सिंह उर्फ गुड्डू (45) वारिशगंज फीडर पर तैनात एक संविदा लाइन मैन के साथ दैनिक श्रमिक के रूप में काम करते थे। बुधवार को मठिया मजरे कटारी गांव में खराब पड़े ट्रांसफार्मर को बदलने के लिए लाइनमैन के साथ गए थे। वारिशगंज फीडर से शटडाउन लेने के बाद अरविंद ने काम शुरू किया, इसी बीच हाईटेंशन आपूर्ति चालू हो गई। जिसकी चपेट में आने से अरविंद की मौके पर गिर कर मौत हो गई। अरविंद की मौत के बाद साथ मौजूद लोग भाग निकले।
लोगों ने मामले की सूचना परिजनों को दी। सूचना के बाद परिजन व ग्रामीण मौके पर पहुंचे और पावर कारपोरेशन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाने लगे। आक्रोशित ग्रामीण शव लेकर लखनऊ-वाराणसी हाईवे स्थित जगदीशपुर थाने के कनकूपुर में पहुंच गए। उन्होंने हाईवे पर शव रख जाम लगाकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। हाईवे जाम होने की सूचना के बाद अमेठी, मुंशीगंज, मुसाफिरखाना, कमरौली, जामो, बाजारशुकुल, महिला थाने समेत क्यूआरटी मौके पहुंची। पुलिस कर्मी परिवार व ग्रामीणों के बीच विवाद शुरू हो गया। हल्का बल प्रयोग कर जाम खुलवाया।
एसडीएम मुसाफिरखाना सविता यादव व सीओ गौरव सिंह ने लोगों को समझाकर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया। एसडीएम की ओर आश्वासन मिलने के बाद मृतक के पुत्र आशू व पुत्री प्रिसी ने वारिशगंज उपकेंद्र पर कार्यरत कर्मियों के खिलाफ तहरीर दी। एसएचओ विवेक सिंह ने बताया कि अभी परिवार की तरफ से कोई तहरीर नहीं मिली है। तहरीर मिलने के बाद नियमानुसार वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
जगदीशपुर थाने के कनकूपुर में हाईवे पर प्रदर्शन के बाद दोनों लेन पर करीब तीन किलोमीटर लंबा जाम लग गया। जाम लगने के बाद गर्मी में लोग परेशान रहे। हालांकि जाम खुला लेकिन, काफी देर बाद आवागमन सामान्य हुआ।
दैनिक मजदूर अरविंद परिवार के भरण-पोषण का एक मात्र सहारा था। ट्रांसफार्मर बदलते समय मौत के बाद पत्नी राधा देवी, पुत्री प्रिंसी व पुत्र आशू का रो-रोकर बुरा हाल है। भाई विनोद, अनिल व सुनील अलग रहते हैं। अरविंद की बुजुर्ग मां रोते हुए कह रही थी कि पता होता कि बेटा अब नहीं लौटेगा तो उसे जाने ही नहीं देती। घर से बुलाकर ले गए और मरने के बाद छोड़ कर भाग गए।
मौत के बाद वारिशगंज फीडर की आपूर्ति ठप है। इससे करीब 50 हजार लोगों को अंधेरे में रहना पड़ रहा है। फीडर के कर्मियों का फोन न उठने से लोगों को दिक्कत हो रही है।