अमेठी। परिषदीय स्कूल में शैक्षिक स्तर सुधारने में अफसर भी लापरवाह दिखे। सितंबर माह के पूरे होने पर अब जब तीन दिन बाकी है, तब अफसरों में चेतना जागी है। डीएम के पास पहुंची ब्लाॅक स्तरीय टास्क फोर्स की रिपोर्ट के बाद सभी को पत्र जारी कर तीन दिन में निरीक्षण कर ऑनलाइन रिपोर्ट अपलोड करने का कहा है। शिक्षकों की मनमानी पर अंकुश लगाने के साथ बच्चों की शैक्षिक क्षमता, स्कूल में मौजूद सुविधा का सत्यापन नियमित रूप से हो सके, इसके लिए प्रेरणा पोर्टल पर ऑनलाइन निरीक्षण कराया जाता है। निरीक्षण के लिए जिला स्तरीय टास्क फोर्स में सीएमओ, डीडीओ, परियोजना निदेशक, डीपीआरओ, डीआईओएस, डीपीओ, एसीएमओ, डीएसओ व जिला समाज कल्याण अधिकारी को प्रति माह पांच स्कूल निरीक्षण करने की जिम्मेदारी मिली है। इसी तरह ब्लॉक स्तरीय टास्क फोर्स में एसडीएम, नायब तहसीलदार, पूर्ति निरीक्षक, बीडीओ, सीएचसी अधीक्षक, एडीओ पंचायत , सीडीपीओ व एसडीएम की ओर नामित अधिकार को प्रति माह पांच निरीक्षण करना होता है।

सितंबर में 27 दिन बीत जाने के बावजूद परियोजना निदेशक, डीपीआरओ, डीआईओएस, डीएसओ व जिला समाज कल्याण अधिकारी ने तो लक्ष्य के अनुसार निरीक्षण किया लेकिन सीएमओ, डीडीओ , डीपीओ व एसीएमओ ने एक भी स्कूल का निरीक्षण नहीं किया है। ब्लॉक स्तरीय टास्क फोर्स में एमडीएम, नायब तहसीलदार, बीडीओ, सीएचसी अधीक्षक, एडीओ पंचायत व सीडीपीओ ने एक भी स्कूल का निरीक्षण नहीं किया है। तीन दिन अवशेष होने के बाद लक्ष्य के अनुसार निरीक्षण नहीं होने पर बेसिक शिक्षा विभाग ने पूरे मामले की रिपोर्ट डीएम राकेश कुमार मिश्र को सौंपी। डीएम ने निरीक्षण नहीं करने का दशा में कार्रवाई की चेतावनी दी है।

वर्जन

रिपोर्ट पर किया जाता है सुधार

परिषदीय स्कूल का नियमित निरीक्षण कर सुधार की व्यवस्था बनाई गई है। सितंबर माह में अफसरों के निरीक्षण कम होने पर डीएम ने अफसरों को निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं। निरीक्षण रिपोर्ट पर कार्रवाई के साथ स्कूल में शैक्षिक व अन्य प्रबंध बेहतर करने की दिशा मे काम किया जाता है।

संजय कुमार तिवारी-बीएसए



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