D.El.Ed trainees tested the educational abilities of children

बच्चे का मूल्यांकन करते ​शिक्षक

अमेठी। निपुण भारत मिशन के तहत बेसिक स्कूलों में बच्चों को निपुण किए जाने का काम चल रहा है। इसके लिए शिक्षकों, संकुल शिक्षकों के अलावा एआरपी (अकादमिक रिसोर्स पर्सन) को भी जिम्मेदारी सौंपी गई है। एआरपी एवं शिक्षक संकुल को आवंटित हुए स्कूल में कक्षा-तीन तक के विद्यार्थी निपुण हुए या नहीं, इसकी जानकारी के लिए डायट के डीएलएड प्रशिक्षु लगाए गए हैं। 29 नवंबर से 8 दिसंबर के बीच जिले के 1019 विद्यालयों में पहुंच कर निपुण लक्ष्य एप के माध्यम से आकलन करेंगे कि बच्चों का शैक्षिक स्तर क्या है।

बता दें कि बच्चों के शैक्षिक रिपोर्ट से न केवल तुरंत अध्यापक व बच्चे भी अवगत होंगे, बल्कि बच्चों के शैक्षिक स्तर का पूरा डाटा सीधे परियोजना तक पहुंचेगा। गत माह निपुण असेसमेंट टेस्ट के जरिए भी विद्यार्थियों का ज्ञान परखा गया था। जिले में तैनात सभी एआरपी (एकेडमिक रिसोर्स पर्सन) को दस-दस स्कूल निपुण किए जाने के लिए लक्ष्य दिया गया था। अब लक्ष्य को लेकर पड़ताल शुरू हो गई है। विद्यालयों में पढ़ने वाले कक्षा एक से तीन तक के विद्यार्थी निपुण हुए या नहीं, इसकी पड़ताल के लिए ब्लाॅकवार चयनित स्कूलों में 29 नवंबर से डायट के 58 डीएलएड प्रशिक्षुओं को भेजा जाएगा।

स्मार्टफोन, टैबलेट के माध्यम से संबंधित स्कूल में नामांकित बच्चों के शैक्षिक स्तर का पता लगातार निपुण लक्ष्य एप पर विवरण अपलोड करेंगे। अमेठी और बहादुरपुर ब्लॉक के 116 स्कूलों में बच्चों का शैक्षिक आकलन किया। प्रशिक्षु की रिपोर्ट के आधार पर स्कूल व बच्चों को निपुण घोषित करते हुए कमजोर बच्चों को शिक्षित कर हिंदी व गणित में दक्ष बनाया जाएगा।

एप में टेक्निकल समस्या से प्रशिक्षु रहे परेशान

प्रशिक्षुओं के निपुण लक्ष्य एप में जिओ फेसिंग से लैस होने की वजह से विद्यालय पहुंचने पर एप द्वारा आकलन किया जा सकता था। प्रशिक्षुओं द्वारा शिकायत की गई कि विद्यालयों में होने के बाद भी लोकेशन सही न होना बता रहा है।

हिंदी विषय के आकलन में हुई परेशानी

निपुण लक्ष्य एप की ओर आकलन करने पर हिंदी विषय के आकलन में प्रशिक्षुओं व शिक्षकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। बच्चे द्वारा निर्धारित समय में पढ़ने के बाद भी एप द्वारा निपुण न दिखाने की बात सामने आई।

कंट्रोल रूम के जरिये समस्या समाधान

प्रशिक्षुओं को आकलन में कोई व्यवहारिक व तकनीक दिक्कत न हो, इसके लिए डीसी प्रशिक्षण अभिनव पांडेय के नेतृत्व में एसआरजी व अन्य टीम ने आने वाली समस्याओं का समाधान देने का प्रयास कर रहे हैं।

सर्वे के बाद साफ होगी स्थिति

डीएलएड प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षित कर आंकलन की जिम्मेदारी दी गई है। डीएलएड प्रशिक्षु की टीम स्कूलों का सर्वे करके रिपोर्ट देगें। रिपोर्ट के आधार पर स्कूल व बच्चों का निपुण घोषित किया जाएगा।

– संजय कुमार तिवारी, बीएसए



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