अमेठी। बीमारियों का प्रकोप कम नहीं हो रहा है। बृहस्पतिवार को डेंगू के दो कन्फर्म मरीज और दस संदिग्ध मरीज मिले हैं। बृहस्पतिवार को जिला अस्पताल की ओपीडी में आए 1,153 मरीजों में से 407 मरीज बुखार से ग्रसित मिले हैं। इधर, अस्पताल में मरीजों की भीड़ बढ़ने के कारण ओपीडी से लेकर जांच तक कतार लग रही है। मरीजों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है।मौसम के उतार चढ़ाव के बीच पिछले करीब एक माह से मौसमी बीमारियों का प्रकोप कम होने का नाम नहीं ले रहा है। सीजनल बुखार व खांसी के मरीजों की संख्या घटने का नाम नहीं ले रही है। सरकारी अस्पताल हों या फिर प्राइवेट हर जगह बुखार के मरीजों की भरमार है।

बृहस्पतिवार को जिला अस्पताल की ओपीडी में 1153 मरीज इलाज कराने आए। इसमें से 407 मरीज बुखार संक्रमित रहे। सर्दी के 83, जुखाम के 87, खांसी के 91, लूजमोशन के 83, पेट दर्द के 86 व डिहाईड्रेसन से 80 पीडि़त मिले। चिकित्सकों ने ऐसे सभी मरीजों की पहले पैथालॉजिकल जांच कराई। जांच में कुछ मरीजों का प्लेटलेट्स कम मिला।

कई दिनों से बुखार से पीड़ित मरीजों की जांच रिपोर्ट के आधार पर उन्हें दवा दी गई। मरीजों की अधिकता से मंगलवार को जिला अस्पताल की ओपीडी दो बजे के बजाए साढ़े तीन बजे तक संचालित हुई। इधर, डेंगू की एलाइजा जांच में दो की रिपोर्ट पाॅजिटिव आई। संदिग्ध 10 डेंगू मरीजों की जांच के लिए सैंपल भेजा है।

सावधानी बरतने की जरूरत

जिला अस्पताल के चिकित्सक फिजीशियन डॉ. शुभम पांडेय ने बताया कि बुखार आने पर डॉक्टर से परामर्श लेकर इलाज कराएं। नियमित गरम पानी का सेवन करें। फ्रिज व ठंडी वस्तुओं, मसालेदार व्यंजन का सेवन करने से पूरी तरह परहेज करेंं। पूरी बांह का कपड़ा पहनें, अपने घर पर रखे टूटे पात्र व बर्तनों में पानी नहीं जमा होने दें तथा नियमित रूप से साफ-सफाई करें।

दवाओं की नहीं कमी

सीएमएस डॉ. बद्री प्रसाद अग्रवाल ने बताया कि अस्पताल में दवाओं की कमी नहीं है। सभी प्रकार की दवाएं उनके अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में मौजूद हैं। अस्पताल आने वाले सभी मरीजों को चिकित्सक द्वारा लिखी गई दवाएं अस्पताल से दी जा रही हैं। अस्पताल आने वाले सभी मरीजों का उपचार व जांच कराते हुए दवा दी जा रही है। ओपीडी में पहुंचने वाले मरीजों का उपचार करने के बाद ही डॉक्टर अपने-अपने चैंबर से उठा रहे हैं।



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