अमेठी। छापे के दौरान हुए विवाद को लेकर औषधि निरीक्षक की तहरीर पर बृहस्पतिवार को पुलिस ने तीन को नामजद करते हुए 80-90 अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इधर, दूसरे दिन भी अमेठी सहित अन्य कस्बों में दवा की दुकानें बंद रहीं।

बुधवार को शहर के ककवा रोड स्थित अग्रहरि मेडिकल स्टोर पर औषधि निरीक्षक कमलेश कुमार मिश्र जांच के दौरान शुरु हुआ विवाद के बाद व्यापारियों को आक्रोश दूसरे दिन भी जारी रहा। मेडिकल स्टोर संचालकों बृहस्पतिवार को दुकानें बंद रखीं। व्यापारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने एवं व्यापारियों की तहरीर पर मुकदमा नहीं दर्ज होने पर आक्रोशित व्यापारियों ने थाने में प्रदर्शन किया।

इस दौरान व्यापारियों ने कहा कि उनकी तहरीर पर मुकदमा नहीं दर्ज किया गया और ड्रग इंस्पेक्टर की मनगढ़ंत तहरीर पर उनके खिलाफ कार्रवाई की गई। व्यापारियों ने कहा कि लगातार जांच के नाम पर उनका शोषण किया जा रहा है, धन वसूली की जा रही है। व्यापारियों ने सामूहिक रूप से कहा कि जब तक दोषी कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती, दुकानें बंद रहेंगी।

तीन नामजद समेत अज्ञात व्यापारियों पर केस दर्ज

औषधि निरीक्षक कमलेश कुमार मिश्र की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया है। कहा गया है कि अग्रहरि मेडिकल स्टोर, सक्षम मेडिकल स्टोर, शंकर मेडिकल स्टोर एवं ओम अग्रहरि मेडिकल स्टोर का औषधि विक्रय लाइसेंस निलंबित करते हुए क्रय-विक्रय प्रतिबंधित किया गया था। निलंबित लाइसेंस धारियों के मेडिकल स्टोर संचालन की सूचना पर जांच करने गए थे। दवा व्यापारी उनके काम में बाधा पहुंचाने लगे। धक्का मारकर दुकान से बाहर कर दिया। औषधि निरीक्षक की तहरीर पर पुलिस ने अजय अग्रहरि, उनकी पत्नी व विपिन तिवारी समेत 80-90 अज्ञात के विरुद्ध केस दर्ज कर लिया है।

कई बाजारों में बंद रहीं दवा की दुकानें

अमेठी। दूसरे दिन तहसील मुख्यालय स्थित शहर की सभी दवा की दुकानें बंद रही। मुंशीगंज बाजार, गोसाईगंज, बारामासी, महाराजपुर, ककवा, विषेशरगंज, बडग़ांव, संग्रामपुर समेत अन्य बाजारों में स्थित मेडिकल स्टोर की दुकानें बंद रहीं। व्यापारियों ने शहर स्थित हनुमानगढ़ी मंदिर परिसर में बैठक का अनिश्चित काल तक दुकानें बंद कर आंदोलन करने की बात कही है।

नहीं मिली दवा, होना पड़ा परेशान

विशम्भरपुर निवासी पंकज तिवारी अपनी व बच्चों की दवा लेने आए थे। मेडिकल स्टोर बंद होने के चलते उन्हें दवा नहीं मिल सकी। टिकरी निवासी अनुराग मिश्र ने बताया कि हृदय रोग संबंधित दवा लेने आए थे, मुंशीगंज और अमेठी बाजार में दवा की दुकानें बंद होने से दवा नहीं मिल सकी। कस्बा निवासी बबलू ने बताया कि बाहर के चिकित्सकों की लिखी मां की दवा लेने आए लेकिन नहीं मिल सकी। बलभद्रपुर गांव निवासी प्रदीप कुमार सड़क हादसे में घायल हो गए थे।अस्पताल में उपलब्ध दवाएं तो मिल गई लेकिन बाहर की दवाएं मेडिकल स्टोर बंद होने से नहीं मिल पाई।

व्यापारियों का उत्पीड़न नहीं किया जाएगा बर्दाश्त

उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल जिलाध्यक्ष हरिशंकर जायसवाल ने घटना की घोर निंदा करते हुए कहा कि अगर इसी तरह रहा तो व्यापारी आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। कहा कि मेडिकल स्टोर के व्यापारियों पर लगाए गए मुकदमे समाप्त किए जाएं और व्यापारियों के साथ प्रशासनिक बैठक हो। व्यापारियों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

आमने-सामने, तर्क अपने-अपने

व्यापारियों का आरोप- डॉ अजय अग्रहरि एवं व्यापारियों ने तहरीर देकर आरोप लगाया है कि गलत शिकायत करवा कर जांच की जाती है। व्यापारियों ने बताया है कि शिकायतकर्ता का नाम और उसके सामने जांच करने की बात कही तो औषधि निरीक्षक आक्रोशित हो उठे हो। लाइसेंस निरस्त करने की धमकी देते हुए पैसे की मांग की। दोनों के बीच जब बहस हो रही थी आसपास के व्यापारी पहुंचे तो औषधि निरीक्षक धमकाते ही चले गए।

आरोप बेबुनियाद

– औषधि निरीक्षक कमलेश मिश्र का कहना है कि आरोप बेबुनियाद है। अभी उन्हें कार्यभार संभाले एक माह भी नहीं हुआ है। जिस दुकान का लाईसेंस निलंबित था, उस पर बिक्री हो रही थी।

जांच के बाद होगी कार्रवाई

एसएचओ अरुण द्विवेदी ने कहा कि औषधि निरीक्षक की तहरीर पर केस दर्ज किया गया है। उन्होंने व्यापारियों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज करने के मामले में कहा कि तहरीर मिली है, जांच की जा रही है।



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