अमेठी। गेहूं की बोआई चल रही है और किसानों को दो-दो बोरी डीएपी खाद के लिए पूरे दिन लाइन में लगना पड़ रहा है। शाम तक खड़े रहने के बाद भी खाद न मिलने पर खाली हाथ लौटना पड़ता है। इससे किसान परेशान हैं।
धान की फसल की कटाई के बाद किसान गेहूं की बोआई की तैयारी में लग गए हैं। अच्छे उत्पादन की चाह में किसान डीएपी खाद के लिए भोर से ही इफको केंद्र के बाहर लंबी लाइन लगाने को मजबूर हो रहे हैं। शाम तक कतार में लगे रहने के बावजूद खाद नहीं मिलने से खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। ऐसे में कई किसान निजी उर्वरक की दुकानों से ऊंचे दामों पर खाद खरीदने के लिए मजबूर हैं।
किसानों का छलका दर्द
शाहगढ़ ब्लॉक के गरथोलिया गांव निवासी किसान मनोज का कहना है कि उन्हें एक बोरी डीएपी खाद की जरूरत है। इसके लिए वे दो दिन से इफको केंद्र का चक्कर लगा रहे हैं। दिनभर लाइन में लगने के बाद भी खाद नहीं मिल सकी है। बुधवार को तीसरे दिन इस उम्मीद में लाइन में लगे हैं कि खाद मिल सकेगी। वहीं, परशुरामपुर गांव निवासी किसान देव कुमार शुक्ला, ताला निवासी सुरेश तिवारी ने कहा कि उन्हें दो बोरी खाद की जरूरत है। दो दिन लाइन में लगने के बाद बिना खाद के लौटना पड़ रहा है। सैंठा गांव निवासी शिव भवन व पूरे हिम्मतगढ़ सैंठा निवासी सुरेंद्र ने कहा कि उन्हें एक बोरी खाद के लिए दो दिन से इफको केंद्र आ रहे हैं। अभी तक खाद नहीं मिल सका है।
इस कारण से निरस्त हुई टोकन व्यवस्था
इफको क्षेत्राधिकारी शिशु पाल के अनुसार, पहले खाद वितरण के लिए टोकन की व्यवस्था लागू की गई थी। टोकन मिलने के बाद किसान केंद्र पर नहीं आ रहे थे, ऐसे किसान यह मान लेते थे कि उन्हें तो अब खाद मिलनी ही है। ऐसे में अन्य किसानों को परेशान होना पड़ता था। इसलिए टोकन व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है।
खतौनी की जांच में हो रही देरी
जिला कृषि अधिकारी रविकांत सिंह के अनुसार, किसानों को खाद वितरित करने के लिए टोकन व्यवस्था लागू करने का आदेश दिया गया था। किसानों की खतौनी की जांच करने में हो रही देरी के चलते केंद्र पर लंबी लाइन लग रही है।