अमेठी। आयुष्मान भारत के तहत जिले के 30 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को शामिल करने का निर्देश शासन स्तर पर मिला है। इसमें सबसे बड़ी बाधा एमीबीबीएस चिकित्सकों की कमी के कारण आ रही है। करीब 13 पीएचसी ऐसे हैं, जहां पर एमबीबीएस चिकित्सक नहीं हैं। ऐसे में इन्हें आयुष्मान भारत में नहीं शामिल करने की राह किसी चुनौती से कम नहीं है। हालांकि, विभाग यहां पर तैनात अन्य विधा के चिकित्सकों का नाम शामिल करते हुए आवेदन की बात कह रहा है।

जिले में जिला अस्पताल समेत 13 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है। यह सभी आयुष्मान भारत के मरीजों के इलाज के लिए अधिकृत है। अब इसका दायरा बढ़ाते हुए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को भी शामिल करने को कहा गया है। अब विभाग के सामने यह मजबूरी आ गई है कि बिना एमबीबीएस चिकित्सक के कैसे इसे शामिल कराया जाय। दरअसल, विभागीय सूत्रों की मानें तो आयुष्मान भारत में शामिल होने के लिए एमबीबीएस चिकित्सक होना जरूरी है।

जिले के 30 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में से 13 पर ही एमबीबीएस की तैनाती है। अन्य पीएचसी पर अन्य विधाओं के चिकित्सक तैनात हैं। आयुष्मान भारत के जिला समन्वयक डॉ. अनूप तिवारी कहते हैं कि मानक के अनुसार एमबीबीएस होना चाहिए, यह बात तो सही है। लेकिन, सभी पीएचसी को इससे जोड़ा जाना है। इसलिए अन्य विधा के चिकित्साधिकारियों का नाम शामिल करते हुए आवेदन की प्रक्रिया की जा रही है।

सीएमओ डॉ. अंशुमान सिंह कहते हैं कि 13 पीएचसी पर एमबीबीएस चिकित्सक हैं। अन्य 17 पर अन्य विधाओं के चिकित्सकों का नाम शामिल करते हुए आवेदन करने की प्रक्रिया चल रही है।

फैक्ट फाइल

आयुष्मान भारत के तहत कुल लक्षित लाभार्थी- आठ लाख 90 हजार 907

अब तक बनाए गए आयुष्मान कार्ड के लाभार्थी- चार लाख 91 हजार 06

अब तक इलाज पर खर्च रकम – 24.33 करोड़ रुपये

अब तक इलाज कराने वाले लाभार्थी – 22,326

आयुष्मान भारत के तहत पंजीकृत सरकारी चिकित्सालय – 14

आयुष्मान भारत के तहत पंजीकृत निजी चिकित्सालय – 18



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