
अस्पताल के कर्मचारी ज्ञापन देते हुए
अमेठी। मुंशीगंज स्थित संजय गांधी अस्पताल का लाइसेंस निलंबित होने के बाद मरीजों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। यहां की पैथालॉजी में विभिन्न बीमारियों की 100 जांच रिपोर्ट लटकी है। डेट मिलने के बाद हुई कार्रवाई के कारण 22 मरीजों के ऑपरेशन टल गए हैं। सर्जरी करा चुके 30 से 40 मरीजों को ड्रेसिंग के परेशानी उठानी पड़ रही है। इस अस्पताल ट्रस्ट की अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं।
कोतवाली क्षेत्र मुसाफिरखाना के गांव पांडेय का पुरवा मजरे रामशाहपुर निवासी अनुज शुक्ल की पत्नी दिव्या शुक्ला की मौत के मामले में संजय गांधी अस्पताल का लाइसेंस निलंबित करने के साथ इमरजेंसी ओपीडी समेत अन्य सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
अस्पताल प्रशासन ने इमरजेंसी, ओपीडी समेत सभी सेवाओं को बंद कर दिया। ऐसे में विभिन्न मरीजों की जांच रिपोर्ट अस्पताल में ही पड़ी हुई है। अस्पताल प्रशासन के अनुसार अस्पताल की पैथोलॉजी में गंभीर एवं अन्य बीमारियों से संबंधित करीब 100 से अधिक रिपोर्ट पेंडिंग है। जबकि एक्स-रे में करीब पांच रिपोर्ट है।
ऑर्थो समेत अन्य बीमारियों से संबंधित करीब 15 मरीज को सर्जरी की डेट मिली थी। इसके अलावा प्रसूति विभाग के साथ ही सात गर्भवती को ऑपरेशन की डेट मिली थी। अस्पताल बंद होने के बाद ऑपरेशन की डेट टल गई है। अस्पताल में सर्जरी करा चुके करीब 30 से 40 मरीज ड्रेसिंग, टांका कटवाने आदि के लिए भटकना पड़ रहा है।
अस्पताल में स्थापित ब्लड बैंक में 15 से 20 मरीज ब्लड के लिए आए लेकिन, उन्हें वापस होना पड़ा। डायलिसिस के लिए 8 से 10 मरीजों को डेट मिली थी लेकिन, अब मायूसी हाथ लग रही है। एक ओर मरीज जांच रिपोर्ट के लिए परेशान हैं तो वहीं डेट मिलने के बावजूद ऑपरेशन नहीं हो पा रहा है। दूसरी ओर अस्पताल प्रबंधन असमर्थता जाहिर कर रहा है।
अस्पताल बंद होने से उपजे हालात
अस्पताल के प्रशासनिक प्रबंधक सुरेश सिंह राजपूत ने बताया कि नोटिस मिली थी। हम लोग नोटिस का जवाब बनाने की तैयारी कर रहे थे कि अचानक लाइसेंस निलंबन एवं सभी से वापस प्रतिबंध लगा दिए गए। मरीजों की जांच रिपोर्ट लैब में पेंडिंग है। कई मरीजों को ऑपरेशन के लिए डेट मिली थी। उन्होंने इस पर दुख व्यक्त किया।
सोशल मीडिया पर चल रही बहस संजय गांधी अस्पताल का लाइसेंस निरस्त होने एवं सभी सेवाओं पर प्रतिबंध लगने के बाद सोशल मीडिया पर पक्ष और विपक्ष में जंग चल रही है। जनहित एवं स्वास्थ्य सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए अस्पताल संचालन एवं नहीं होने को लेकर जुबानी तकरार जारी है। कहीं-कहीं तो यह राजनीतिक रूप ले रहा है।
उपचार के किए प्रबंध सीएमओ डॉ. अंशुमान सिंह का कहना है कि सरकारी अस्पतालों में हमने उपचार का प्रबंध किया है। यहां पर मरीजों के इलाज व जांच के लिए चिकित्सकों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। रही बात, सैंपल मामले की तो उसे हम दिखवाएंगे।